खोरीबाड़ी /चंदन मंडल
दुर्गा माता की पूजा आराधना और नौ दिवसीय का उपासना शारदीय नवरात्रि पर्व गुरुवार को नवमी पर माता के मंदिरों व पंडालों में पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही और चहुंओर माता के जय माता दी के बोल के साथ माता के जयकारे सुबह से ही गूंजते रहे। नवरात्र व्रत रख रहे श्रद्धालुओं ने पूर्णाहुति के साथ अनुष्ठान पूरा किया और व्रत तोड़ा। जगह-जगह हवन-यज्ञ और भंडारों का आयोजन भी श्रद्धालुओं द्वारा किया गया। श्रद्धालुओं ने मां सिद्धदात्री की पूजा अर्चना की। घरों में कन्या लांगुराओं को भोजन कराकर उन्हें उपहार भी दिए गए।
7 अक्टूबर से शुरु हुए शारदीय नवरात्र पर्व को लेकर धार्मिक माहौल दुर्गा नवमी पर और भी व्यापक नजर आया। सुबह से शाम तक मातारानी के मंदिर व पंडालों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही और माता के जयकारों के मध्य पूजा अर्चना का सिलसिला चलता रहा । वहीं खोरीबाड़ी प्रखंड अंतर्गत बतासी ( बदराजोत ) में 169 वर्षों से आस्था का केंद्र बने श्यामलाल दुर्गा पूजा नाम से प्रचलित दुर्गा मंदिर में बंगाल वासियों सहित नेपाल व बिहार से काफी संख्या में भक्तगण पहुंचे और मां के दरबार में हाजिरी लगाते हुए अपने-अपने परिवार सुख ,शांति व समृद्धि के लिए मां दुर्गा से कामना की और मन्नतें मांगी। महिलाओं के साथ पुरुष और बच्चे भी पूजा अर्चना में तल्लीन थे। इस मध्य माता सिद्धीदात्री का जलाभिषेक व पूजा अर्चना की गई।
श्रद्धालुओं ने माता का श्रृंगार कर उन्हें पोशाक और चुनरी पहनाई तथा महिलाओं ने सुहाग और श्रृंगार का सामान भी अर्पित किया। पूजा अर्चना के साथ मंदिरों पर प्रसाद वितरण की भी होड़ दिखाई दी। उधर कन्या लांगुरा को भोजन कराने के लिए सुबह से ही बच्चों को निमंत्रण और उन्हें घर बुलाकर भोजन कराने का सिलसिला चलता रहा। ग्रामीण इलाकों में भी नवदुर्गा पर्व पर जगह-जगह धार्मिक अनुष्ठान की धूम रही और दुर्गा मंदिर समेत तमाम दुर्गा पंडालों में भी श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने पहुंचे। श्रद्धालुओं ने हलवा-पूरी का भोग लगाया और श्रृंगार की सामग्री चढ़ाकर मन्नतें मांगी। इस दौरान कोई अप्रिय घटना न घटित हो इसके लिए सुबह से ही विभिन्न दुर्गा मंदिरों व पंडालों में पुलिस बलों की तैनाती की गयी थी।
