पोठिया प्रखंड क्षेत्र के छत्तरगाच्छ में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया ईद मिलादुन्नबी।

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किशनगंज/पोठिया/राज कुमार


शुक्रवार को ईद मिलादुन्नबी बड़े हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने छतरगाछ बाजार और ग्रामीण इलाकों में जुलूस निकाला। जगह-जगह जलसा कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।


प्रखंड के दर्जनों गांवों से जुलूस निकाला गया जो छतरगाछ बाजार में एकत्रित हुआ। जुलूस में शामिल लोग नात शरीफ पढ़ते हुए आगे बढ़ रहे थे। इसके बाद छतरगाछ रोड समेत विभिन्न मार्गों से होकर यह जुलूस ग्राम कचहरी के जलसा कार्यक्रम में पहुंचकर समाप्त हुआ। पूरे रास्ते “रसूल की आमद मरहबा” और “सरकार की आमद मरहबा” की गूंज सुनाई देती रही। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जगह-जगह शरबत और पानी की व्यवस्था की गई थी।


जलसा कार्यक्रम में मौलानाओं ने कहा कि रबीउल अव्वल इस्लामी साल का तीसरा महीना है। इसी महीने में दुनिया की सबसे बड़ी हस्ती हजरत मोहम्मद साहब की पैदाइश हुई, जो पुरे कायनात के लिए रहमत बनकर आये। इस महीने में दो महत्वपूर्ण घटनाएं हुई पहली पैगंबर साहब की वफात और दूसरी मक्का से मदीना की हिजरत। इसी वजह से यह महीना मुसलमानों के लिए बेहद अहम और बरकत वाला माना जाता है।ईद मिलादुन्नबी के मौके पर मौलानाओं ने पैगंबर मोहम्मद साहब की शिक्षाओं को याद किया।

उन्होंने कहा कि मोहम्मद साहब ने अपनी जिंदगी में हमेशा इंसानियत, अमन और भाईचारे का पैगाम दिया। उन्होंने लोगों को सिखाया कि दूसरों के लिए फायदेमंद होना ही सबसे बड़ी नेकी है। मौलानाओं ने बताया कि पैगंबर कहा करते थे कि मुस्कुराना भी एक तरह का सदका है। पड़ोसियों का ख्याल रखना ईमान का हिस्सा है। अल्लाह उसी पर रहमत करता है जो दूसरों पर रहम करता है।


उन्होंने यह भी कहा कि मोहम्मद साहब की नजर में ताकतवर वही है जो गुस्से की हालत में खुद पर काबू रख सके। उनकी दी हुई यह सीख आज भी समाज के लिए मार्गदर्शक है। भव्य जुलुस के मौके पर छतरगाछ कैंप प्रभारी राम बहादुर शर्मा पुलिस बल और स्थानीय चौकीदारों के साथ सुरक्षा व्यवस्था में मुस्तैद रहे। जुलूस और जलसा में क्षेत्र के हजारों लोग शामिल हुए।

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