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BiharNews:किशनगंज में हिंदू बनाते है ताजिया मुसलमान भाइयों के साथ मिलान में भी होते हैं शरीक

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किशनगंज /प्रतिनिधि

आस्था की कोई बंदिश नहीं होती है। जिसकी जहां लगन लग जाए वह वहीं, रम जाता है। धर्म-संप्रदाय, जाति, वर्ग में बंटे समाज में आज भी कई ऐसे लोग है जो मजहब की बंदिशों से परे होकर मानवता को ही अपना सबकुछ मानते हैं। हम बात कर रहे हैं। ठाकुरगंज प्रखंड के कस्बा कालियागंज गांव के लोगों की,यहां के हिन्दू मोहर्रम के मौके पर ताजिया का निर्माण पूरी शिद्दत से करते हैं।

यह क्रम पिछले कई सालो से अनवरत जारी है। बता दे की आधा दर्जन से अधिक परिवारों के द्वारा यहां ताजिया का निर्माण किया जाता है।बता दे कि आज मोहर्रम की आठवीं तारीख है और ताजिया निर्माण में जुटे कारीगर जोर शोर से निर्माण कार्य में जुटे हुए है। इस कार्य से उन्हें अच्छी कमाई भी हो जाती है।हर साल हजारों रुपए की कमाई ताजिया निर्माण से लोग करते है।

गौरतलब हो की भारत नेपाल सीमा से सटे 70% मुस्लिम आबादी वाला किशनगंज जिला पूरे देश में अपने सांप्रदायिक सौहार्द के लिए जाना जाता है । हिंदू और मुसलमानो के बीच ऐसी भाईचारगी शायद ही आप को कही दूसरे जगह देखने को मिले।क्योंकि रामनवमी में जहा मुस्लिम समाज के लोग शोभा यात्रा में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते है वही यहां बड़ी संख्या में मोहर्रम में निकलने वाले ताजिया जुलूस में हिंदू समुदाय के लोग शामिल होते हैं यही नहीं हिंदू परिवार के लोग वर्षो से ताजिया का निर्माण भी करते हैं।

कस्बा कलियागंज गांव में एक दर्जन से अधिक ऐसे हिंदू परिवार है जो मोहर्रम के लिए ताजिया का निर्माण करते हैं।ताजिया का निर्माण करने वाले परिवारों का कहना है की सालो से उनके द्वारा ताजिया का निर्माण किया जाता है।लोगो ने बताया की पहले उनके बाप दादा ताजिया बनाते थे और अब वो लोग बनाते है जिन्हे मुस्लिम समाज के लोग चढ़ाने के लिए लेकर जाते है ।

इस काम में पुरुषो के साथ साथ घर की महिलाएं भी हाथ बटाती हैं ।महिलाओं का कहना है की जब से वो ब्याह कर गांव में आई उसके बाद से ही ताजिया का निर्माण वो कर रही है।गौरतलब हो की मोहर्रम में मुस्लिम समुदाय के लोग मन्नत पूरी होने पर ताजिया चढ़ाते है।वही मुस्लिम समाज के लोगो का कहना है की हम सभी के बीच कभी कोई भेद भाव नहीं रहा और हम लोग मिल जुल कर मोहर्रम मनाते आ रहे हैं ।बुद्धिजीवी वर्ग के लिए यह किसी अचरज से कम नहीं। लोग कहते हैं कि उन्होंने ऐसा कही नहीं देखा। दोनों समुदाय मुहर्रम मानते हैं।इसकी जितनी तारीफ की जाए, कम है।

BiharNews:किशनगंज में हिंदू बनाते है ताजिया मुसलमान भाइयों के साथ मिलान में भी होते हैं शरीक

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