किशनगंज/विजय कुमार साहा
टेढ़ागाछ प्रखंड के चिल्हनियाँ पंचायत स्थित आमबाड़ी में प्रधानमंत्री सड़क के कटिंग पर बनी चचरी पुल जानलेवा साबित हो सकता है।इन दिनों उजड़े हुये चचरी पुल पार कर जाना राहगीरों के लिए खतरा से खाली नहीं है। यहाँ उजड़े हुये चचरी पुल ही लोगों का आगमन का सहारा है।आमबाड़ी में बनी चचरी पुल से रोजमर्रे के कामकाजी राहगीरों का आना जाना लगा रहता है।
ज्ञात हो कि यह सड़क झाला से निसन्दरा तक लगभग 29 किलोमीटर है।इस होकर टेढ़ागाछ, बहादुरगंज व पलासी एवं सिकटी के लोगों का आवागमन होता रहता है।आमबाड़ी होकर सैकड़ों साईकिल व मोटरसाइकिल सवार एवं पैदल यात्रा करने वालों राहगीरों चचरी पुल पार करने में अपनी जान हथेली में लेकर आवागमन कर रहें हैं।
गौरतलब है कि यह सड़क यहाँ हर वर्ष रेतुआ नदी के उफान से काट जाती है और लोगों का आवागमन कुछ दिनों के लिए ठप हो कर रह जाती है।विभागीय स्तर से हर वर्ष सड़क कटने के बाद मिट्टी भर कर डायवर्सन बनाया जाता है या फिर यहाँ चचरी पुल बना कर आवाजाही होती है।
फिर भी अबतक कोई ठोस निर्माण कार्य नहीं होने से चचरी पुल पार करना राहगीरों के लिये जानलेवा व जोखिम भरा है।जरूरत के अनुसार लोगों को यहाँ जान हथेली पर लेकर आना जाना करना पड़ रहा है।यहाँ प्रसाशन को ध्यान देने की जरूरत है।स्थानीय लोगों ने आमबाड़ी में आरसीसी पुल निर्माण करने की मांग प्रशासन से की है। यहाँ पुल निर्माण होने से दर्जनों गाँव के लोगों का आवागमन सुलभ होगा।