बंगाली समुदाय के द्वारा विधि विधान से की गई माता लक्ष्मी की पूजा

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किशनगंज /सागर चन्द्रा

दुर्गा पूजा के ठीक चार दिन बाद शरद पुर्णिमा के दिन बंगाली समाज के लोगों द्वारा धन धान्य की देवी मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है। इस पर्व को कोजागरी लक्ष्मी पूजा के नाम से भी जाना जाता है। शनिवार को कोजागरी लक्ष्मी पूजा की धूम जिले में चहुँ ओर दिखी। बंगाली समुदाय के लोगों द्वारा अपने अपने घरों में धूमधाम के साथ मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना किये जाने के कारण पुरे शहर का माहौल भक्तिमय बन गया था तथा बाजारों में भी विशेष चहल पहल देखी गई।

प्रसाद व पूजन सामग्री के खरीदारी के लिए बाजारों में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। इस मौके पर शहर के कई मंदिरों व घरोंं में मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित कर विधिवत पूजा अर्चना की गई। पूजा को लेकर मंदिरों की आकर्षक सज्जा की गई। जबकि बंगाली समुदाय के लोगों ने अपने घरों में आकर्षक रंगोली बना कर मां का स्वागत किया।

इस मौके पर मां लक्ष्मी को पानीफल सिंघारा, ईख, मखाना, नारियल, ताल सांस सहित कई अन्य फलों के साथ साथ खिचड़ी, मिक्स सब्जी, टमाटर चटनी, खीर,नारियल लड्डू सहित अन्य मिठाईयों व पकवानों का भोग लगाया। जिसे भक्तों ने प्रसाद स्वरूप ग्रहण किया।

कोजागरी लक्ष्मी पूजा के दिन चांद दर्शन का भी विशेष महत्व है। रतजगा कर चांद को निहारने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन चांद से अमृत वर्षा होती है और मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर भक्तों को धन धान्य से परिपूर्ण कर देती हैं।

कई घरों में अमृत वर्षा का लाभ लेने के लिए छतों पर चावल की खीर बनाकर एक बर्तन में खुले आसमान के नीचे रख दिया जाता है। जिसे दूसरे दिन परिवार के लोग प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं।

बंगाली समुदाय के द्वारा विधि विधान से की गई माता लक्ष्मी की पूजा