कृषि मंत्री ने किसान के हित में मंडी कानून की बात कहे तो उनका ले लिया गया इस्तीफा
कैमूर/भभुआ(ब्रजेश दुबे):
कैमूर जिले के मोहनिया व दुर्गावती प्रखंड में कैमूर किसान यूनियन संघ के अध्यक्ष हरि सिंह के नेतृत्व में कैमूर किसान यूनियन संघ के लोगों व जिले के किसानों द्वारा पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह के समर्थन में शांति मार्च निकाला गया। इस दौरान संघ ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ईमेल के माध्यम से 10 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन भेजा गया। शांति मार्च के दौरान वक्ताओं ने कहा कि देश में किसान रोयेगा तो पूरा देश रोयेगा। किसान सन्यासी होता हैं। आज के समय में किसान का बेटा किसान नहीं बनना चाहता हैं। किसान के बेटा-बेटी की शादी नहीं होती।
लेकिन सरकारी नौकरी में झाड़ू लगाने वाले की शादी हो जाती हैं। सुधाकर सिंह ने किसान के हित में मण्डी कानून की बात कहे तो उनका इस्तीफा ले लिया गया। जबकि बगल के राज्य यूपी में मल्टीपस एजेंसी से खरीदारी होती है। किसान का बेटा व किसान का नेता कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने जब अपने मंच से किसानों के मुद्दों को उठाया तो सरकार को बुरा लगा और वह कृषि मंत्री से इस्तीफा ले लिया. कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने अपने कार्यकाल में किसानों के लिए कृषि मंडी कानून, फ़र्टिलाइज़र जैसी तमाम समस्या पर आवाज उठायी थी।
वक्ताओं ने कहा कि कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने अपने कार्यकाल में किसानों के लिए कृषि मंडी कानून, फ़र्टिलाइज़र जैसी तमाम समस्या पर आवाज उठाई थी जिसका नतीजा यह हुआ कि सरकार ने उन्हें ही हटा दिया. किसान हितैषी बात करने वाले तथा प्रखर होकर सरकार की कमियों तथा विभागों की कमी को रखने वाले किसान हितैषी कृषि मंत्री से इस्तीफा क्यों लिया गया। क्या लोकतंत्र और नैतिकता के लिए यह गलत नहीं है की जो व्यक्ति सही बोलें और किसान हित में बोले उसकी आवाज दबा दी जाए।
