कानून वापस नहीं हुआ तो आंदोलन तेज करने की दी गई चेतावनी
संवाददाता /किशनगंज
रविवार को किशनगंज के लहरा चौक मैदान में “वक्फ प्रोटेक्शन मूवमेंट” के नेतृत्व में वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के विरोध में एक विशाल जनसभा का आयोजन किया गया। इस सभा में क्षेत्र के सभी प्रमुख मिल्ली संगठनों और विपक्ष की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने संयुक्त रूप से भाग लिया।
इस जनसभा में हजारों की संख्या में आम लोगों ने भाग लिया और वक्फ कानून में संशोधन के खिलाफ अपना जोरदार विरोध दर्ज कराया। वक्ताओं ने अपने जोशीले भाषणों में कहा कि वक्फ संपत्तियाँ इस्लामी शरीयत का हिस्सा हैं और इनमें सरकारी हस्तक्षेप न केवल संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन है बल्कि मुसलमानों के धार्मिक अधिकारों पर सीधा हमला है।इस दौरान वक्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के साथ साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की ।नेताओ ने एक स्वर में कहा कि वो जान दे देंगे लेकिन कानून को स्वीकार नहीं करेंगे ।
इस विरोध प्रदर्शन में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमीअत उलेमा-ए-हिंद (किशनगंज) जिला जमीयत अहले हदीस किशनगंज, इमारत शरीया (बिहार, ओडिशा व झारखंड), मजलिस-ए-अहरार-ए-इस्लाम बिहार, मजलिस-ए-उलमा-ए-मिल्लत किशनगंज, इदारा शरीया किशनगंज, जमीयत अहले सुन्नत वल जमात, शिया जमात किशनगंज, अमन इंसानियत फाउंडेशन, ऑल इंडिया तंजीमुल उलमा किशनगंज सहित अन्य संगठनों से जुड़े नेता और उलेमा मौजूद थे ।
इस विरोध में कई विपक्षी राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी भाग लिया और इस कानून को वापस लेने की मांग की।
इस दौरान सर्वसम्मति से चार प्रस्ताव पारित किया गया है।जिसमें वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए के साथ साथ . वक्फ संपत्तियों की स्वायत्तता को बरकरार रखा जाए,. मुस्लिम पर्सनल लॉ में किसी भी प्रकार की सरकारी हस्तक्षेप से बचा जाए।
मुस्लिम समुदाय की भावनाओं का सम्मान करते हुए उनके संवैधानिक और धार्मिक अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए कि मांग की गई ।”वक़्फ प्रोटेक्शन मूवमेंट” के पदाधिकारियों ने कहा कि यह आंदोलन अभी सिर्फ शुरुआत है। यदि सरकार इस कानून को वापस नहीं लेती है, तो देशव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा। उन्होंने देश के तमाम मुसलमानों से अपील की कि वे अपने धर्म और वक्फ की रक्षा के लिए एकजुट हो।
एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने कहा कि यह सरकार देश को गृहयुद्ध में ढकेलना चाहती है अगर भाजपा सरकारी की डिक्शनरी से गाय,कब्रिस्तान , मुसलमान को बाहर कर दिया जाए तो ये लोग जिस तरह बिना पानी के मछली तड़प कर मर जाती है उसी तरह ये तड़प कर मर जाएंगे।
वही राजद के राज्य सभा सांसद मनोज झा ने कहा कि इस देश को भाजपा और आरएसएस वालों ने नहीं बल्कि हिंदू और मुसलमानों ने मिल कर बनाया है ।उन्होंने कहा कि इस कानून के खिलाफ जारी लड़ाई में राजद मुसलमानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहेगी ।इमारतें सरिया के सदर फैसल वली रहमानी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से यह उम्मीद लगा कर रखना की वो कानून को समाप्त कर देगी यह हमारी भूल होगी ।उन्होंने कहा कि व्यापक पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और आंदोलन करने की जरूरत है और बिहार के मुसलमानों को वक्फ कानून से होने वाली परेशानियों को अवगत करवाना पड़ेगा ताकि मुस्लिम समाज मुखर होकर इस कानून के खिलाफ आवाज बुलंद करे।
वही विधायक इजहारुल हुसैन,अंजार नईमी, विधायक सऊद आलम,पूर्व विधायक मुजाहिद आलम,तौसीफ आलम ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार को सख्त चेतावनी देते हुए आगे बड़ा आंदोलन छेड़ने की बात कही है ।
कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा के सख्त इंतजाम पुलिस प्रशाशन के द्वारा किया गया था ।इस मौके पर कमरूल हुदा,मुजाहिद आलम,नगर परिषद अध्यक्ष इंद्रदेव पासवान,गुलाम हसनैन,फैयाज आलम, इशहाक आलम,शम्सुहजमा ,प्रदीप रविदास,नसीम ,दारा,तौसीफ आलम,नूर आलम,मुनाजिर फ़ानी सहित अन्य लोग मौजूद रहे ।