किशनगंज /प्रतिनिधि
गुरुवार को दिघलबैंक प्रखंड के कालाजार प्रभावित क्षेत्र में फोकल छिड़काव किया गया है | जिला भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने बताया की कालाजार एक जानलेवा बीमारी है जो कि बालू मक्खी के काटने से होती है। कालाजार फैलाने वाली बालू मक्खी को समाप्त करने का बस एक ही तरीका है सिथेटिक पारा थायराइड का पूरे घर में सही तरह से छिड़काव करना।
कालाजार विषाणु जनित रोग है। उन्होंने कहा की यह एक बार शरीर में प्रवेश करने पर इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है। कालाजार की जांच दस मिनट में आन द स्पॉट हो जाती है। उन्होंने कहा की डब्ल्यूएचओ के सहयोग से यह दवा नि:शुल्क प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध है। दो सप्ताह से अधिक बुखार, पेट के आकार में वृद्धि, भूख नहीं लगना, उल्टी होना, शारीरिक चमड़ा का रंग काला होना आदि कालाजार बीमारी के लक्षण हैं।
जिला भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने कहा कि कालाजार बीमारी बालूमक्खी के काटने से होने वाला रोग है। नमी एवं अंधरे वाले स्थान पर कालाजार की मक्खियां ज्यादा फैलती है लेकिन इससे ग्रसित मरीजों का इलाज आसानी से संभव है। यह रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी प्रवेश कर जाता है। दो सप्ताह से अधिक बुखार, पेट के आकार में वृद्धि, भूख नहीं लगना, उल्टी होना, शारीरिक चमड़ा का रंग काला होना आदि कालाजार बीमारी के लक्षण हैं।