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राजनीति और राजनेता से बिहार की जनता का नही होगा उद्धार-पूर्व डीजीपी

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कैमूर/भभुआ(ब्रजेश दुबे):

बिहार 28 राज्यों में सबसे पिछड़ा राज्य है और बिहार को बाहर के राज्यों में अपमानजनक के रूप में लिया जाता है.जबकि वैभवशाली भारत के निर्माण में बिहार की जनता की अहम भूमिका है। इसी जनता की बदौलत गौरवशाली राष्ट्र की परिकल्पना साकार होगी। यह बातें सोमवार को शहर के एक स्थानीय होटल शैल राजेंद्रम पैलेस में लोगों को संबोधित करते हुए तेलंगाना के पूर्व डीजीपी विनय कुमार सिंह ने कही.

उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा कि वे सामाजिक चेतना अभियान के तहत लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारे राज्य का अपना गौरवशाली अतीत रहा है। लेकिन शासन प्रशासन की अनदेखी से इसमें ह्रास होता गया और आज इस राज्य की पहचान गरीबी, भुखमरी, कुपोषण, अशिक्षा, अपराध से होती है। छोटी छोटी बातों को लेकर दंगा फसाद हो जाते हैं। थाने से लेकर न्यायालय का चक्कर लोगों को काटना पड़ जाता है। अगर जनता के बीच जाकर जनता की समस्याओं को सुना जाए तो हर गांव में समस्या समाप्त हो जाएगी तथा हमलोग खुशहाल होंगे।

कोरोना काल में बिहारी मजदूरों के साथ जो बरताव होना चाहिए वह नहीं हो सका। उनके दुख दर्द को नहीं पढ़ा जा सका। वे मजबूर होकर पलायन कर रहे थे। इस आपदा की घड़ी में मानवता शर्मसार हो गई। कई दिनों तक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों से बिहारी मजदूरों की चर्चा होती रही। जबकि मजदूर केवल बिहार के ही नहीं दूसरे प्रदेशों के भी थे। उन्होंने कहा कि भले ही मैं आइपीएस रहा हूं लेकिन इस बात को मुझे स्वीकार करने में जरा सा भी गुरेज नहीं है कि मेरे सामने भी बिहारियों की पहचान मजदूरों के रूप में की जाती थी.
शिक्षा व स्वास्थ्य की बदहाली को लेकर यह प्रदेश देश के अन्य राज्यों से सबसे निचले पायदान पर है।

जिससे हम अपने को अलग नहीं कर सकते। इसके लिए हम और आप ही उत्तरदायी है। जाति, धर्म, संप्रदाय के आधार पर प्रतिनिधियों को चुनते है। उनसे उम्मीद कैसे हो सकती है कि वे समाज को जोडऩे के लिए विकास की पटकथा लिखेंगे। उन्होंने कहा कि गांव के हर विवादों का निपटारा गांव में ही हो, दूसरा शिक्षा सभी लोग प्राप्त करें, तीसरा गांव को इतना स्वच्छ रखे की यह किसी स्मार्ट सिटी की तरह दिखे, चौथा चुनाव में मतदान करते समय जाति और धर्म को आधार न बनाए तथा पांचवां समाज को जोडऩे वालों का चयन करे तोडऩे वालों को नहीं.इस तरह पंचामृत रूपी संकल्प को यदि हम सब अपने जीवन में उतार लें तो सभी समस्याओं का समाधान खुद हीं हो जाएगा.कार्यकम के दौरान वर्तमान नप अध्यक्ष जैनेंद्र आर्य,ट्विंकल तिवारी,दीपक तिवारी सहित काफी संख्या में लोग जुटे थे।

राजनीति और राजनेता से बिहार की जनता का नही होगा उद्धार-पूर्व डीजीपी

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