अररिया /बिपुल विश्वास
महिला संवाद के दूसरे दिन शनिवार को जिले के सभी 9 प्रखंडों को मिलाकर कुल 36 पंचायतों में महिला संवाद कार्यक्रम संपन्न हुआ। यह संवाद कार्यक्रम दो पालियों में संपन्न कराई गई। जिसमें ग्रामीण महिलाओं ने काफी उत्साह के साथ हिस्सा लिया और सरकारी योजनाओं की जानकारी प्राप्त की।
इस दौरान महिलाओं ने अपने इलाके की बेहतरी के लिए किए कुछ कार्यों को किए जाने की अपेक्षा और आकांक्षाएं भी व्यक्त की गई। जिसपर आने वाले समय में सरकार की ओर से नीति बनाने की योजना है।

बता दें कि महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में सरकार द्वारा क्रियान्वित योजनाओं/कार्यों के विषय में महिलाओं को जानकारी पहुंचाने के उद्देश्य से 18 अप्रैल 2025 को माननीय मुख्यमंत्री द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए महिला संवाद रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया था। यह महिला संवाद रथ प्रदेश के सभी 38 जिलों के विभिन्न प्रखंडों में घुमकर सरकारी की ओर से चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओँ की जानकारी दे रही है और संवाद कार्यक्रम माध्यम से समाज के बेहतरी के लिए उनकी इच्छा या आकांक्षा को भी जानने की कोशिश कर रही है ताकि, उसे सरकार तक पहुंचाकर उसका समुचित निराकरण संभव हो सके।
इस रथ को आधुनिक तकनीक से लैस किया गया है। जिसके माध्यम से ऑडियो-वीडियो से तैयार विशेष संवाद और जानकारी को जनता तक पहुंचाई जा रही है। इस संवाद को जन-जन तक पहुंचाने के लिए इसे दो पालियों में संपन्न कराया जा रहा है। पहली पाली का समय 9 बजे से 11 बजे जबकि दूसरी पाली का समय 4 बजे 6 बजे निर्धारित है। यह संवाद रथ निर्धारित समय पर निश्चित स्थान पर जाकर लोगों को ऑडियो-विजुअल के माध्यम से संवाद पहुंचाता है। जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं और दूसरे लोग हिस्सा ले रहे हैं। इससे लोगों में सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी मिल रही है। लोगों में योजना का लाभ उठाने की जागरुकता भी आ रही है। जो एक अच्छी पहल कही जा सकती है।
महिला संवाद कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में सरकार द्वारा क्रियान्वित योजनाओं/कार्यों के विषय में महिलाओं को जानकारी प्रदान करना, महिलाओं को अपने गाँव या टोलों की समस्याओं और आकांक्षाओं को चिह्नित कर उसकी प्राथमिकता निर्धारण करने हेतु अवसर प्रदान करना, संवाद के दौरान प्राप्त समस्याओं का विभित्र स्तरों पर त्वरित समाधान करना, प्राप्त सूचनाओं के आधार पर सरकार की योजनाओं के सूत्रण एवं नीति-निर्धारण में महिलाओं की आकांक्षाओं को बेहतर ढंग से समाहित करना है।