किशनगंज के युवाओं को स्टार्टअप बिहार से मिली 50 लाख रुपये की फंडिंग

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 राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय किशनगंज के तीन होनहार छात्रों व किशनगंज के दो युवाओं ने अपने अनोखे स्टार्टअप आइडिया के दम पर स्टार्टअप बिहार योजना के तहत ₹50,00,000 (पचास लाख रुपये) की सीड फंडिंग हासिल की है। यह फंडिंग न केवल छात्रों व युवाओं की मेहनत और सोच को परिणाम है, बल्कि यह पूरे किशनगंज और बिहार के लिए गर्व की बात है।

फंडिंग प्राप्त करने वाले छात्र व युवा हैं:

1. अंकुश राज ( स्टार्टअप – OutfitEase )

2. सत्यम् राज व नागमणि राज ( स्टार्टअप- Bagrit )

3. अतुल प्रधान ( स्टार्टअप – Oora )

4. राजेश कुमार गणेश ( स्टार्टअप – Legal Taxation )

5. ताबिश अख्तर ( स्टार्टअप – GeoExpo )

इन छात्रों व युवाओं ने अपने अभिनव विचारों और व्यावसायिक दृष्टिकोण से यह साबित कर दिया कि अब बिहार के युवा भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान बना सकते हैं। इनके विचारों ने यह दर्शाया कि तकनीक और नवाचार का मेल किस तरह सामाजिक समस्याओं का समाधान बन सकता है और रोजगार के नए द्वार खोल सकता है।

यह सफलता राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय किशनगंज के स्टार्टअप सेल की अथक मेहनत और मार्गदर्शन का प्रतिफल है। इस सेल के द्वारा छात्रों व युवाओं को ना केवल अपने आइडिया को आकार देने का प्लेटफॉर्म दिया गया, बल्कि सही दिशा और संसाधनों की मदद भी प्रदान की गई। इस पूरे प्रयास में जिन प्रमुख मेंटर्स की भूमिका रही उनमें मो॰ माहीन रजा (जिला समन्वयक, स्टार्टअप सेल),सहायक प्रोफेसर देवा नंद पटेल, (फैकल्टी इंचार्ज, स्टार्टअप सेल)प्रोफेसर डॉ. भगवान श्री राम, (प्राचार्य, राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय किशनगंज)शामिल है।

वही दर्शील प्रसाद एवं अंशुमन कुमार (छात्र प्रतिनिधियों ) ने स्टार्टअप अप्लाई करने में बहुत छात्रों व युवाओं का बहुत सहयोग किया।इन सभी मेंटर्स ने छात्रों व युवाओं को प्रेरित किया, उन्हें बिज़नेस मॉडल तैयार करने से लेकर प्रेजेंटेशन और पिचिंग तक हर पहलू में सहयोग दिया। उनके मार्गदर्शन ने छात्रों के आत्मविश्वास को मजबूती दी और उन्हें यह विश्वास दिलाया कि उनका सपना हकीकत बन सकता है।

स्टार्टअप बिहार योजना का उद्देश्य ही यही है – बिहार के युवाओं को रोजगार मांगने वाला नहीं, बल्कि रोजगार देने वाला बनाना। इस योजना के तहत चयनित स्टार्टअप्स को आर्थिक सहायता के साथ-साथ टेक्निकल सपोर्ट और मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाता है। यह पहल बिहार सरकार के उद्योग विभाग द्वारा चलाई जा रही है।

यह सफलता एक संदेश है – “अगर आपके पास एक मजबूत विचार है, तो अवसर आपका इंतज़ार कर रहा है।”

अब राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय किशनगंज केवल एक तकनीकी संस्थान नहीं, बल्कि एक नवाचार और स्टार्टअप हब के रूप में उभर रहा है।

बिहार के युवाओं से अपील है:

अगर आपके पास भी कोई नया आइडिया है, समाज में कुछ नया करने की सोच है – तो अब समय है उसे मूर्त रूप देने का। स्टार्टअप सेल राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय किशनगंज जैसे मंच से जुड़ें और अपने सपनों को उड़ान दें। अगली सफलता की कहानी आपके नाम हो सकती है!

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