किशनगंज डीएम की अध्यक्षता में इंटर डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेशन मीटिंग का हुआ आयोजन 

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किशनगंज-उत्तर दिनाजपुर के बीच स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा सुधार, मरीजों को मिलेगा सीधा लाभ

किशनगंज और उत्तर दिनाजपुर के बीच अंतर-जिला स्वास्थ्य समन्वय बैठक जिला पदाधिकारी के अध्यक्षता में सम्पन्न

किशनगंज /प्रतिनिधि 

जिला पदाधिकारी किशनगंज विशाल राज एवं एडीएम एल.आर उत्तर दिनाजपुर रवि कुमार अग्रवाल की संयुक्त अध्यक्षता में किशनगंज समाहरणालय स्थित महानंदा सभागार में इंटर डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेशन मीटिंग आयोजित की गई।

बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं का प्रवास और बाहर प्रवास, नियमित टीकाकरण, टीकाकरण से रोकथाम योग्य रोग, वेक्टर जनित रोग, जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करना, मोतियाबिंद ऑपरेशन, एन.टी.एफ.ई., सार्वजनिक और लाइसेंस प्राप्त निजी अस्पताल निदान केंद्रों की सूची, निषेध का कार्यान्वयन, वाहनों की अंतर-जिला आवाजाही, विशेष रूप से ई-रिक्शा, एवं अन्य विविध बिंदु पर गहन समीक्षा की गई।

जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए किशनगंज (बिहार) और उत्तर दिनाजपुर (पश्चिम बंगाल) के स्वास्थ्य अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। 

जिला पदाधिकारी विशाल राज की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि, और पोठिया प्रखंड के MOIC, BHM, BCM सहित कई अन्य पदाधिकारी शामिल हुए। बैठक में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार, मरीजों की सुविधा और अस्पतालों की निगरानी को लेकर कई बड़े फैसले लिए गए। बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं में आपसी समन्वय और आंकड़ों के त्वरित आदान-प्रदान को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। 

जिला पदाधिकारी ने निर्देश दिए कि दोनों जिलों के बीच स्वास्थ्य सूचनाओं को तुरंत साझा करने के लिए एक WhatsApp ग्रुप बनाया जाए, जिसमें जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र, संस्थागत प्रसव, और नियमित टीकाकरण जैसे महत्वपूर्ण आंकड़े उपलब्ध कराए जाएं।

महत्वपूर्ण निर्णय एवं निर्देश:

1. WhatsApp ग्रुप का गठन: स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े आंकड़ों का रियल टाइम में साझा करने के लिए दोनों जिलों के अधिकारियों को शामिल करते हुए एक WhatsApp ग्रुप बनाया जाएगा।

2. स्वास्थ्य समन्वय समिति: दोनों जिलों में समन्वय बनाए रखने के लिए उत्तर दिनाजपुर के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी और किशनगंज के जिला कार्यक्रम प्रबंधक को नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया गया।

3. मासिक वर्चुअल बैठक: स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी हर महीने वर्चुअल बैठक करेंगे और प्रत्येक तीन माह में भौतिक बैठक आयोजित करेंगे।

4. निजी अस्पतालों की मॉनिटरिंग: ऐसे निजी अस्पतालों की सूची तैयार होगी जो HMIS पोर्टल पर नियमित डेटा प्रविष्ट नहीं कर रहे हैं। ऐसे अस्पतालों की लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई होगी।

5. संबंधित अस्पतालों और जांच केंद्रों की सूची साझा करना: दोनों जिले एक-दूसरे के साथ प्राइवेट अस्पतालों और जांच केंद्रों की सूची साझा करेंगे।

6. मोतियाबिंद ऑपरेशन के आंकड़े: मोतियाबिंद ऑपरेशन के आंकड़ों को एक-दूसरे के साथ साझा करने पर सहमति बनी।7. बंगाल के लाभार्थियों के लिए प्रमाण पत्र अनिवार्य: पश्चिम बंगाल के उन लाभार्थियों को, जो किशनगंज में सरकारी संस्थानों में इलाज करवा रहे हैं, वैध डिस्चार्ज प्रमाणपत्र और जन्म प्रमाणपत्र उपलब्ध कराना होगा।दोनों जिला के स्वास्थ्य पदाधिकारियों को दिए गये निर्देश 

जिला पदाधिकारी विशाल राज ने बैठक में दोनों जिला के स्वास्थ्य पदाधिकारियों को कई आवश्यक निर्देश दिए है,जिसमे बताया की WhatsApp ग्रुप से तुरंत जानकारी मिलेगी।अब मरीजों को अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी जानकारी रियल टाइम में मिलेगी। इसके लिए जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, संस्थागत प्रसव, टीकाकरण और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के आंकड़े साझा करने हेतु एक विशेष WhatsApp ग्रुप बनाया जाएगा।

 अस्पतालों की जवाबदेही तय होगी

स्वास्थ्य सेवाओं की पारदर्शिता के लिए सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को अपने मरीजों का डेटा HMIS वेब पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा। जो अस्पताल ऐसा नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी और लाइसेंस रद्द भी किया जा सकता है।

 मरीजों को अस्पतालों और जांच केंद्रों की सूची मिलेगी

अब मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों और जांच केंद्रों की सूची उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे उन्हें सही जगह पर इलाज करवाने में आसानी होगी।

5. बंगाल के मरीजों के लिए नए नियम

जो मरीज पश्चिम बंगाल से आकर किशनगंज के अस्पतालों में इलाज कराते हैं, उन्हें डिस्चार्ज प्रमाण पत्र और जन्म प्रमाण पत्र जमा करना होगा। इससे स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता बनी रहेगी।

हम जनता तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

बैठक को सम्बोधित करते हुए जिला पदाधिकारी विशाल राज ने खा की “हम जनता तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अब अस्पतालों की निगरानी और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी, ताकि हर मरीज को समय पर सही इलाज मिल सके।”स्वास्थ्य सेवाओं का प्रभावी संचालन सुनिश्चित करने के लिए दोनों जिलों को आपसी समन्वय बढ़ाने की जरूरत है। इससे न केवल सूचनाओं का त्वरित आदान-प्रदान होगा, बल्कि मरीजों को बेहतर और त्वरित उपचार भी मिल सकेगा।””सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा की “HMIS पोर्टल पर अस्पतालों का डेटा अपडेट करना अनिवार्य होगा। इससे सरकारी योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचेगा और स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता आएगी।”

बदलाव से जनता को सीधा लाभ

सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बतया की अब किशनगंज और उत्तर दिनाजपुर के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी, अस्पतालों की जवाबदेही बढ़ेगी और मरीजों को सही समय पर इलाज मिल सकेगा। यह बैठक दोनों जिलों के बीच स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और समन्वय बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।

 मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग की समीक्षा

बिहार में मध्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम 2016 लागू होने के उपरांत अप्रैल 2016 में बिहार में लागू पूर्ण शराबबंदी के सफल कार्यान्वयन के लिए मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग किशनगंज के द्वारा लगातार कई प्रयास किया जा रहे हैं।

इंटर डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेशन मीटिंग में अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा बताया गया कि मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग किशनगंज द्वारा किशनगंज जिले से सटे पश्चिम बंगाल एवं नेपाल की सीमा पर 05 मद्य निषेध चेक पोस्टों का निर्माण किया गया है 1. फरिंगगोला 2. खगड़ा (रामपुर), 3. गलगलिया 4. ब्लॉक चौक किशनगंज तथा 5. देबी चौक कार्यरत है। इन पांचो चेक पोस्ट पर अवैध शराब की आवाजाही पर रोक लगाने हेतु प्रतिनियुक्ति पदाधिकारीयों/कर्मियों द्वारा 24X7 वाहनों की सघन चेकिंग की जाती है तथा सभी चेक पोस्टों को सी0सी0टी0वी0 कैमरे से लैस किया गया है। 

मद्य निषेध नीति के प्रभावी नियंत्रण हेतु जिले में प्रखंडवार चलिष्णु दल का गठन किया गया है। गठित दल अवैध शराब की बिक्री एवं निर्माण के विरुद्ध लगातार छापामारी/जब्ती की जा रही है। साथ ही ड्रोन टीम के द्वारा संवेदनशील क्षेत्र में निगरानी रखी जाती है। 

जप्त शराब की विनिष्टीकरण के अंतर्गत अप्रैल 2016 से अब तक कुल 49591 जगहों पर छापामारी करते हुए 6326 अभियोग दर्ज कर कुल 12617 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया तथा 1043 वाहनों को जप्त कर लगभग कुल 162386 लीटर शराब को जप्त किया गया एवं कुल 159872 लीटर शराबों को विनिष्ट किया गया है।

वाहन चेकिंग एवं जुर्माना वसूली में अब तक कुल 1903 वाहनों को जप्त करते हुए 918 वाहनों का राजसात कर 707 वाहनों की नीलामी की गई है। नीलामी राशि के रूप में 63673170 रुपए प्राप्त किए गए एवं बचे वाहनों की नीलामी समय-समय पर की जा रही है। मद्य निषेध और उत्पाद नियमावली 2021 यथा संशोधित नियमावली 2022 में जप्त वाहनों को जुर्माना पर छोड़े जाने का प्रावधान है, जिसके तहत अब तक 780 वाहनों को जुर्माना पर छोड़ा गया है तथा जुर्माना राशि 54787487 रुपए की वसूली की गई। इस प्रकार कुल सरकारी राजस्व के रूप में 118430657 रुपए की वसूली की गई। साथ ही विभाग द्वारा बड़े माफियाओं एवं होम डिलीवरी करने वालों पर भी विशेष निगरानी रखी जा रही है। 

 *जिला परिवहन विभाग की समीक्षा*

परिवहन विभाग के द्वारा सड़क सुरक्षा, बेहतर यात्री सुविधा, एवं शहरों को जाम मुक्त बनाने की दृष्टिकोण से राज्य के विभिन्न प्रमंडलों एवं जिला मुख्यालय में प्रचलित ऑटो रिक्शा /ई रिक्शा के परिचालन को विनियमित किया गया है। 

ऑटो रिक्शा/ ई रिक्शा के परिचालन को विनियमित करने संबंधी योजना का मुख्य उद्देश्य : – 

1. शहरों में ऑटो रिक्शा/ ई रिक्शा का व्यवस्थित ढंग से परिचालन हो सकेगा।

2.ऑटो रिक्शा/ ई रिक्शा के कारण होने वाले जाम की समस्या से भी निदान संभव हो सकेगा।

3. शहरों में व्यवस्थित ढंग से ऑटो रिक्शा/ई रिक्शा के परिचालन से वाहन जनित प्रदूषण को नियंत्रित किया जाएगा

4.ऑटो रिक्शा/ ई रिक्शा पर क्षमता के अनुसार यात्रियों को बैठने से यात्रियों की यात्रा सुरक्षित होगी एवं जान- माल की रक्षा होगी

5.पार्किंग स्थल एवं ठहराव के स्थल का निर्धारण होने से यात्रियों को बेहतर परिवहन सेवा उपलब्ध हो सकेगा।

इस संबंध में जिला सड़क सुरक्षा समिति किशनगंज की बैठक में जिला पदाधिकारी – सह – अध्यक्ष जिला सड़क सुरक्षा समिति किशनगंज द्वारा ट्रैफिक मैनेजमेंट के क्रम में पश्चिम बंगाल से की ओर से आने वाली ऑटो रिक्शा/ई रिक्शा को नियंत्रित करने हेतु तीन एंट्री पॉइंट यथा 

एम0जी0एम0 मेडिकल कॉलेज के पास, 2. रामपुर एवं 3. फरिंगगोला चेक पोस्ट पर जांच कर प्रवेश को निषेध किया जाए एवं बिना निबंधित ऑटो रिक्शा/ ई रिक्शा को प्रतिबंधित किया जाए जिससे शहर के अंदर ट्रैफिक के दबाव को कम किया जा सके। साथ ही किशनगंज शहर अंतर्गत ऑटो रिक्शा/ ई रिक्शा का सुरक्षित एवं सुव्यस्थित ढंग से परिचालन कराया जाए। 

जिला परिवहन पदाधिकारी के द्वारा बताया गया कि बंगाल की तरफ से आने ओर जाने वाली ऑटो रिक्शा/ई रिक्शा एवं अन्य वाहनों से किसी भी प्रकार की दुर्घटनाएं होने से उनको मुआवजा देने में समस्या आती है इसी कारण पश्चिम बंगाल से आने वाली ऑटो रिक्शा/ई रिक्शा को एंट्री पॉइंट पर प्रवेश निषेध किया जा रहा है एवं बंगाल की तरफ से आने वाली सभी बसों को बस स्टैंड के अंदर जाकर अपने बस यात्री को उतरने का का अनुरोध किया गया। 

बैठक के अंत में जिला पदाधिकारी  विशाल राज ने कहा कि उत्तर दिनाजपुर की टीम के साथ कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया और निर्णय लिया गया है कि स्वास्थ्य एवं अन्य मुद्दों पर समन्वित रूप से कार्य किया जाएगा। इस प्रकार की बैठकें भविष्य में भी आयोजित की जाएंगी ताकि आपसी सहमति बनी रहे और कार्यों में सुधार हो।

बैठक में उत्तरी दिनाजपुर के एडीएम अल.आर, एसडीओ एवं अन्य पदाधिकारी/कर्मी के साथ-साथ, किशनगंज डीडीसी, एडीएम सिविल सर्जन जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी – सह – ओएसडी एवं अन्य पदाधिकारी/कर्मी उपस्थित थे।

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