डेस्क:कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद बिन खलीफा अल थानी की 17-18 फरवरी को भारत यात्रा के दौरान, भारतीय उद्योग परिसंघ ने उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के साथ साझेदारी में 18 फरवरी 2025 को नई दिल्ली में भारत-कतर संयुक्त व्यापार मंच का आयोजन किया। इस संयुक्त व्यापार मंच में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल और कतर के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री शेख फैसल बिन थानी बिन फैसल अल थानी ने मुख्य भाषण दिया।
संयुक्त व्यापार मंच के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयल ने विकसित भारत दृष्टिकोण के अनुरूप 2047 तक 30-35 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की भारत की महत्वाकांक्षा पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि भारत और कतर के बीच सफल ऊर्जा व्यापार का लंबा इतिहास रहा है, लेकिन अब इस साझेदारी का भविष्य हाइड्रोकार्बन से आगे बढ़कर एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग, आईओटी और सेमीकंडक्टर आदि जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों तक फैला हुआ है।
श्री गोयल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के साथ-साथ बदलती भू-राजनीतिक गतिशीलता है और साइबर सुरक्षा के बढ़ते खतरे के बीच आत्मनिर्भरता हमारी प्रमुख प्राथमिकता बन गई है। उन्होंने कहा कि भारत और कतर के पास अलग-अलग प्रतिस्पर्धी लाभ होने के कारण दोनों देश एक-दूसरे की ताकत को पूरक बनाने की स्थिति में हैं और नवाचार को आगे बढ़ाने तथा भविष्य के उद्योगों को आकार देने में भागीदार हो सकते हैं।
चूंकि दोनों देश परिवर्तनकारी बदलाव की ओर बढ़ रहे हैं, इसलिए यह साझेदारी उद्यमशीलता, प्रौद्योगिकी और स्थिरता के स्तंभों पर टिकी होगी।उद्घाटन सत्र को अपने संबोधन के दौरान कतर के वाणिज्य और उद्योग मंत्री शेख फैसल बिन थानी बिन फैसल अल थानी ने अपनी भावनाएं प्रकट करते हुए कहा कि कतर और भारत के बीच संबंध महज एक लेन-देन नहीं है, यह आपसी सम्मान, साझा हितों और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता पर आधारित एक परंपरा है। भारत-कतर व्यापार साझेदारी फल-फूल रही है और भारत कतर का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया है। उन्होंने यह भी कहा कि कतर एक विविध, गतिशील और निवेशक-अनुकूल स्थान बना हुआ है। उन्होंने भारतीय निवेशकों को कतर की अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचे के भीतर विशाल अवसरों का लाभ उठाने के लिए गर्मजोशी से आमंत्रित किया।