स्वास्थ्य सेवाओं की व्यापक समीक्षा, जिला पदाधिकारी ने दिए कड़े निर्देश
किशनगंज:जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने और संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिला पदाधिकारी विशाल राज की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (HWC), अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (APHC), गृह प्रसव मुक्त पंचायत अभियान, टीबी उन्मूलन, एनसीडी (गैर-संक्रामक रोग) स्क्रीनिंग और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता पर विस्तार से चर्चा हुई।
बैठक में सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार, एनसीडीओ, सीडीओ, डीआईओ,जिला स्वास्थ्य समिति के अधिकारी, पिरामल स्वास्थ्य, यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ के जिला प्रतिनिधि सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे। जिला पदाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाएगी।
HWC और APHC की सेवाओं की सख्त निगरानी
जिला पदाधिकारी ने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (HWC) और APHC की सेवाओं की गहन समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि –
सभी HWC और APHC में रोस्टर का स्पष्ट प्रदर्शन अनिवार्य होगा, जिसमें डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों की उपस्थिति तथा कार्यशैली की जानकारी दी जाएगी। प्रत्येक APHC में न्यूनतम 1800 ओपीडी (OPD) प्रति माह सुनिश्चित की जाए, ताकि अधिक से अधिक लोगों को प्राथमिक चिकित्सा सुविधा मिल सके। स्वास्थ्य केंद्रों में आवश्यक दवाओं (EDL) की पूर्ण उपलब्धता अनिवार्य होगी – APHC में 187 और HWC में 151 आवश्यक दवाएं हमेशा उपलब्ध रहनी चाहिए। रूट चार्ट के अनुसार सभी HWC में आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
गृह प्रसव मुक्त पंचायत अभियान: संस्थागत प्रसव को सर्वोच्च प्राथमिकता
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि जिला पदाधिकारी द्वारा गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित करने हेतु आशा कार्यकर्ताओं को सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए गए हैं।अब तक किसी भी ब्लॉक से गृह प्रसव की सूची (लाइन लिस्ट) प्राप्त नहीं हुई है, जिसके लिए तीन दिनों के भीतर सूची प्रस्तुत नहीं करने वाले ब्लॉक के BCM पर कार्रवाई की जाएगी। गृह प्रसव की घटनाओं की निगरानी के लिए पिरामल टीम ब्लॉक स्तर पर निरीक्षण करेगी और तीन दिनों के भीतर डीएम को रिपोर्ट सौंपेगी। गर्भवती महिलाओं की नियमित स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित करने और जटिलताओं की समय पर पहचान पर जोर दिया गया।
टीबी उन्मूलन अभियान: जांच और उपचार पर विशेष ध्यान
टीबी मरीजों की शीघ्र पहचान और समुचित उपचार के लिए समीक्षा बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए –
टीबी जांच अभियान को तेज किया जाएगा ताकि मरीजों की जल्द पहचान हो सके।जांच के तुरंत बाद मरीजों को दवा उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा।‘निक्षय मित्र’ योजना के तहत सामाजिक संगठनों और व्यक्तियों को टीबी मरीजों की मदद के लिए प्रेरित किया जाएगा।
एनसीडी (गैर-संक्रामक रोग) स्क्रीनिंग को प्राथमिकता
गैर-संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी ने बताया कि ब्लड प्रेशर (BP), डायबिटीज, कैंसर, हृदय रोग और अन्य गैर-संक्रामक रोगों की नियमित जांच सुनिश्चित करने के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए हैं।
हर HWC और APHC में नियमित स्क्रीनिंग कैंप लगाए जाएंगे। गंभीर रूप से बीमार मरीजों को समय पर उचित उपचार और परामर्श उपलब्ध कराने के लिए विशेष पहल की जाएगी।
रिपोर्टिंग और निगरानी पर विशेष जोर
MPCDSR पोर्टल पर 100% वर्बल ऑटोप्सी अपलोड करने के निर्देश। अब तक 15 में से किसी भी मामले की वर्बल ऑटोप्सी नहीं हुई है, जिसे जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए।
गृह प्रसव की घटनाओं की रिपोर्ट समयबद्ध तरीके से प्रस्तुत करने का आदेश।
100% प्राइवेट अस्पतालों को HMIS (Health Management Information System) पर रिपोर्टिंग करनी होगी। फिलहाल सिर्फ MGM और 7 प्राइवेट अस्पताल ही HMIS पर डेटा एंट्री कर रहे हैं।
OPV-0 डोज 62% है, जिसे बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे।
“स्वास्थ्य सेवाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दें” – जिला पदाधिकारी
बैठक के अंत में जिला पदाधिकारी विशाल राज ने कहा –
“हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जिले के प्रत्येक नागरिक को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं मिलें। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी।”उन्होंने सभी स्वास्थ्य कर्मियों, प्रशासनिक अधिकारियों और सामुदायिक संगठनों से अपील की कि वे इन योजनाओं को जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू करें। स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सभी को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है।