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अररिया :फणीश्वर नाथ रेणु की जयंती पर कई कार्यक्रमों का हुआ आयोजन

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अररिया /अरुण कुमार


आंचलिक साहित्यकार फणीश्वरनाथ रेणु के जन्म दिवस के अवसर पर आज रेणु महोत्सव 2024 का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम सदर थाना अररिया स्थित रेणु कुंज में उनके प्रतिमा पर जिला पदाधिकारी श्रीमती इनायत खान, पुलिस अधीक्षक श्री अमित रंजन एवं माननीय जिला परषिद अध्यक्ष श्री आफताब अजीम पप्पू, नगर परिषद अध्यक्ष श्री विजय कुमार मिश्र सहित उपस्थित सभी जिला स्तरीय वरीय पदाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी एवं साहित्यकारों द्वारा माल्यापर्ण किया गया।


रेणु महोत्सव 2024 के अवसर पर हाई स्कूल अररिया के प्रांगण में आयोजित मुख्य कार्यक्रम का उद्घाटन जिला पदाधिकारी श्रीमती इनायत खान, पुलिस अधीक्षक श्री अमित रंजन एवं माननीय जिला परषिद अध्यक्ष श्री आफताब अजीम पप्पू, उप विकास आयुक्त श्रीमती रोजी कुमारी सहित उपस्थित प्रसिद्ध साहित्यकारों एवं पदाधिकारियों ने सामूहिक रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। उद्घाटन के उपरांत जिलाधिकारी एवं उपस्थित वरीय पदाधिकारियों के द्वारा बारी बारी से उपस्थित अतिथियों एवं साहित्यकारों को शॉल एवं बुके प्रदान कर सम्मानित किया गया।


रेणु महोत्सव के अवसर पर जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में रेणु जी को एक महान साहित्यकार, स्वतंत्रता सेनानी एवं क्रांतिकारी बताया। उन्होंने कहा कि रेणु जी कहानी एवं उपन्यास के अलावा रिपोतार्ज भी लिखे, जो काफी प्रसिद्ध हुए। उन्होंने कुछ कविताएं तथा नाटक भी लिखे। रेणु जी के उपन्यास पाठकों को ससमय और उस समय के गांव के जीवन्तदर्शन कराते हैं। उनकी चरनाओं के पात्र तथा उनकी भाषा मानवीयमूल्यों तथा समाजिक समरसता का बोध भी कराते हैं। उन्होंने कहा कि रेणु जी विख्यात साहित्यकार के अलावा उनमें एक आंदोलनकारी रूप भी था। छात्र जीवन में उन्होंने कारावास भी बताया। इसलिए उन्हें हम स्वतंत्रता सेनानी के रूप में जानते हैं। उन्होंने भारत छोड़ों आंदोलन के दौरान अपनी सक्रिय भागीदारी निभायी। रेणु जी की साहित्यक रचनाएं हैं जो एक अस्थायी युग के भी दर्शन कराती है। रेणु जी की रचनाएं हिन्दी साहित्य की धरोहर है। उन्होंने कहा कि उनकी रचनाओं के बारे में नई पीढ़ियों को जानने की आवश्यकता है। उनकी रचनाएं समाज को एक जीवन दर्पण देती है। उन्होंने कहा कि रेणु जी की रचनाओं को पढ़कर उन्हें एक पथ प्रदर्शक भी कह सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिस समय इंटरनेट, सोशल मीडिया नहीं थी, तब भी उनकी पहचान देश भर ही नहीं विदेशों में भी थी। उनकी रचनाएं मानवीयमूल्यों तथा समाजिक समरसता का एक संदेश देना चाहती थी, जिसे हम सभी को अनुसरण करने की जरूरत है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पुलिस अधीक्षक ने कहा कि रेणु जी के मैला आंचल में यहां के लोगों के रहने का तौर-तरिका एवं स्वतंत्रता समाग्र में कैसे भाग लिया यह सब जानने को मिलता है।

उन्होंने कहा कि हमलोगों एक बार फिर से किताबों में जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि साहित्य में रूचि लें, इससे समाज की बेहतरी होगी। जिला परिषद अध्यक्ष ने कहा कि रेणु जी अररिया की पहचान न सिर्फ बिहार बल्कि विश्व पटल पर बनाई है, जिससे आज हम सभी गौरवाविंत हैं। उन्होंने कहा कि रेणु जी अपने लेखनी में गांवों की समस्या को उजागर किया। इससे प्रेरित होकर हमलोगों ने गांव के नव निर्माण की दिशा में कार्य किया है।


कार्यक्रम में गायक प्रिया राज द्वारा स्वागत गान की प्रस्तुति कर अतिथियों का स्वागत किया। वहीं लोक गायक श्री अमर आनंद एवं प्रिया राज द्वारा मतदाता जागरूकता के तहत एक गीत की प्रस्तुति दी गई। इसके बाद रेणु जी के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर साहित्यक परिचर्चा की शुरूआत हुई। परिचर्चा की शुरूआत साहित्यकार श्री बसंत कुमार राय ने की। उन्होंने अपने संबोधन में रेणु जी के जीवन काल से जुड़ी कई कहानियों से अवगत कराया। श्री रहबान अली राकेश ने कहा कि रेणु जी का साहित्यक योगदान जितना महत्वपूर्ण है उतना ही उनका राजनीतिक एवं समाजिक योगदान भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने रेणु जी के राजनीतिक योगदान पर विस्तार से चर्चा की। इसी प्रकार उपस्थित सभी साहित्यकारों ने रेणु जी के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला। मौके पर साहित्यकार श्री अनुज प्रभात, श्री आलोक कुमार मल्लिक, श्री अजय अकेला, श्री सादानंद सुमन, श्री दिनराजा अख्तर, श्री ठाकुर शंकर कुमार, डाॅ सुशील कुमार श्रीवास्तव, श्री हरिशचंद्र सिंह, श्री रफी हैदर अंजुम, श्री परवेज आलम, डाॅ फरहत आरा, श्री एचएस मासूम, श्रीमती ज्योति रीता, श्री बासुकी नाथ झा सहित अन्य साहित्यकार एवं एडीएम पीजीआरओ, जिला परिवहन पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी, जिला भू अर्जन पदाधिकारी, जिला जनस्म्पर्क पदाधिकारी तथा सभी जिला स्तरीय वरीय पदाधिकारी गण उपस्थित थे।

अररिया :फणीश्वर नाथ रेणु की जयंती पर कई कार्यक्रमों का हुआ आयोजन

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