किशनगंज: जिला पार्षद प्रतिनिधि इमरान आलम ने मंगलवार को प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिले के बहादुरगंज विधान सभा क्षेत्राधीन अवस्थित नेहरू कॉलेज, बहादुरगंज जो पूर्णियाँ विश्वद्यालय के अधीन है में सभी संकाय यथा मानविकी (कला) सहित विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय की पढ़ाई शुरू करवाने, शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों की समुचित व्यवस्था के सम्बंध मांगपत्र सौंपा। ज्ञात हो कि वर्तमान में उक्त कॉलेज में सिर्फ कला संकाय के मात्र 07 (सात) विषयों यथा इतिहास, राजनीतिक विज्ञान, अर्थशास्त्र, उर्दू, हिन्दी एवं फारसी की ही पढ़ाई होती है। जो हमारे क्षेत्र के गरीब छात्रों के साथ अन्याय है।
जबकि कॉलेज की स्थापना के 59 वर्षों के बाद एवं किशनगंज जिला बने 35 वर्षो के बाद भी उक्त कॉलेज में सभी संकाय विज्ञान एवं वाणिज्य की पढ़ाई शुरू नहीं होना “ढाई कोस चले सौ साल वाली बात सही साबित हो रही है”।
उन्होंने कहा कि नेहरू कॉलेज, बहादुरगंज की स्थापना 05 जुन 1965 में हुई थी। जिसको 20 एकड़ जमीन स्थानीय समाज सेवी सह-शिक्षा विद स्वर्गीय सफक्कत हुसैन साहेब ने दान स्वरूप दिया था। उनका सपना था इलाके के बच्चे आसानी से उच्च शिक्षा प्राप्त कर सके। मालूम हो कि किशनगंज जिला आर्थिक रूप से बहुत कमजोर है एवं नेहरू कॉलेज बहादुरगंज जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर है यदि उक्त कॉलेज में सभी संकाय की पढ़ाई शुरू की जाय तो क्षेत्र के बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में आसानी होगी एवं उन्हे बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
दूसरे मांग पत्र में जिले के बहादुरगंज प्रखंड में कंकई एवं रतवा नदी से हो रहे काटव स्थलों पर कटाव निरोधी कार्य करवाने की मांग की गई। उन्होंने कहा कि यदि बरसात से पहले कटाव निरोधी कार्य नहीं किए गए तो कई गांव का नाम निशान मिट जाएगा।
एवं तीसरे मांग पत्र के माध्यम से बहादुरगंज को अनुमंडल का दर्जा देने की मांग की गई है। चूंकि बहादुरगंज प्रखण्ड भौगोलिक दृष्टिकोण से किशनगंज जिले के केन्द्र में अवस्थित है एवं जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर है। बहादुरगंज प्रखण्ड के बगल में दिघलबैंक प्रखण्ड, टेढ़ागाछ प्रखण्ड, कोचाधामन प्रखण्ड एवं नगर पचांयत पौआखाली एवं ठाकुरगंज प्रखण्ड का कुछ पंचायत अवस्थित है जिसकी कुल आबादी लाखों में है। एच०एच० 327 ई० एवं बायसी – दिघलबैंक स्टेट हाईवे भी बहादुरगंज से होकर ही गुजरती है।
यदि बहादुरगंज को अनुमंडल बना दिया जाए तो लॉ एण्ड ऑडर एवं प्रशासकीय कार्य की समस्या को आसानी से सुलझाया जा सकता है। और आम जनता को बेफजुल खर्च से बचाया जा कसता है। अनुमंडल स्तरीय कार्यों के लिए आमजन को जिला मुख्यालय का चक्कर नहीं लगाना परेगा जिससे जनता को आर्थिक बचत होगी।