गैर संचारी रोगों पर नियंत्रण: स्वास्थ्य सेवाओं का ग्रामीण विस्तार
एचडब्ल्यूसी, सीएचओ, एएनएम और आशा की सामूहिक पहल से सुधार संभव
किशनगंज/प्रतिनिधि
गैर संचारी रोग (एनसीडी) जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और कैंसर पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग ग्रामीण इलाकों में विशेष प्रयास कर रहा है। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ), एएनएम और आशा कार्यकर्ता अहम भूमिका निभा रहे हैं। गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी ने हालामाला हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने टीम वर्क और सामुदायिक भागीदारी की प्रशंसा करते हुए इन कर्मियों की भूमिका को रेखांकित किया।
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का नेतृत्व
डॉ. उर्मिला कुमारी ने कहा, “एचडब्ल्यूसी पर सीएचओ की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। वे न केवल स्वास्थ्य सेवाओं का समन्वय करते हैं, बल्कि एनसीडी स्क्रीनिंग, मरीजों को सही परामर्श और उपचार की प्रक्रिया सुनिश्चित करते हैं। उनके नेतृत्व में ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई जा रही हैं।”सीएचओ टेलीमेडिसिन सेवाओं को संचालित करते हैं और नियमित स्वास्थ्य शिविरों में रोगियों को विशेषज्ञों से जोड़ने में मदद करते हैं।
मातृ-शिशु स्वास्थ्य का मुख्य आधार
डॉ. उर्मिला कुमारी ने एएनएम की भूमिका की सराहना करते हुए कहा, “एएनएम मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ हैं। वे गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच, टीकाकरण और परिवार नियोजन सेवाओं को सुनिश्चित करती हैं। इसके अलावा, एनसीडी की स्क्रीनिंग में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे समुदाय के करीब रहते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में सहयोग करती हैं।”
समुदाय और स्वास्थ्य विभाग के बीच कड़ी
आशा कार्यकर्ताओं को ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाने का श्रेय दिया गया। डॉ उर्मिला कुमारी ने कहा, “आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जागरूक करती हैं। वे एनसीडी स्क्रीनिंग के लिए लोगों को प्रोत्साहित करती हैं और गंभीर बीमारियों के लक्षणों की शुरुआती पहचान में मदद करती हैं। आशा कार्यकर्ता एचडब्ल्यूसी तक मरीजों को लाने और सही इलाज सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाती हैं।”
एचडब्ल्यूसी से बढ़ रही है स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा, “हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं। सीएचओ, एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं की सामूहिक भागीदारी से एनसीडी स्क्रीनिंग और टेलीमेडिसिन जैसी सेवाएं दूर-दराज के इलाकों तक पहुंचाई जा रही हैं। फिलहाल 90 से 100 प्रकार की दवाएं और 12 प्रकार की डायग्नोस्टिक सेवाएं उपलब्ध हैं। इन्हें भविष्य में और विस्तारित किया जाएगा।”
सामुदायिक भागीदारी से संभव स्वास्थ्य सुधार- जिला पदाधिकारी
जिलाधिकारी विशाल राज ने एचडब्ल्यूसी और सामुदायिक स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका पर जोर देते हुए कहा, “सीएचओ, एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं की सामूहिक जिम्मेदारी ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को मजबूत बनाती है। हमारा उद्देश्य है कि स्वास्थ्य सेवाएं हर व्यक्ति तक पहुंचे और गंभीर बीमारियों का समय पर पता लग सके। आशा कार्यकर्ताओं और एएनएम का योगदान इस दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण है।”
एनक्वास प्रमाणीकरण: सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार
सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग जिले के हर प्रखंड में तीन एचडब्ल्यूसी को एनक्वास प्रमाणीकरण के लिए चिन्हित कर रहा है। इससे इन केंद्रों की सेवाओं की गुणवत्ता और प्रभावशीलता बढ़ेगी। डॉ. उर्मिला कुमारी ने कहा, “एनक्वास प्रमाणीकरण से सेवाओं का स्तर राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होगा। सीएचओ, एएनएम और आशा की सहभागिता से यह प्रक्रिया और अधिक प्रभावी बनेगी।”
ग्रामीण स्वास्थ्य में सुधार की दिशा में बड़ा कदम
गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ उर्मिला कुमारी ने बताया कि सीएचओ, एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं के सामूहिक प्रयास और एचडब्ल्यूसी की सेवाओं से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुदृढ़ हो रही है। एनक्वास प्रमाणीकरण और सुधारात्मक उपायों से यह सुनिश्चित होगा कि हर व्यक्ति को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिलें और गंभीर बीमारियों पर समय रहते काबू पाया जा सके।