शनिवार को किशनगंज समाहरणालय परिसर से बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को लेकर जिला प्रशासन एवं राहत संस्था के द्वारा संयुक्त रूप से कैंडल मार्च निकाला गया। कैंडल मार्च के जरिए शहर वासियों को बाल विवाह की कुरीतियों से अवगत करवाया गया. समाहरणालय परिसर से निकली कैंडल मार्च बाजार पहुंच कर समाप्त हुआ।इस दौरान मौजूद लोगों को बाल विवाह नहीं करवाने को लेकर शपथ भी दिलवाई गई ।
इस कैंडल मार्च में अलग अलग धर्मों के धर्मगुरु भी मौजूद थे जिनके द्वारा बाल विवाह को एक सामाजिक कुरीति बताया गया और अभिभावकों से अपने बच्चियों का विवाह बालिग होने पर ही करने की अपील की गई ।
कार्यक्रम में एडीएम अमरेंद्र कुमार पंकज ने कहा कि सभी इस अभियान को सफल बनाने के लिए काम करें. बाल विवाह न होने दे, और कही इसकी जानकारी मिलती है तो तत्काल स्थानीय प्रशासन या पंचायत में सूचित करें.
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जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक रविशंकर तिवारी ने कहा कि बालविवाह एक कुरीति है और इसे दुर करने के लिए समाज में जागरूकता लाने के साथ साथ हर तरह के प्रयास किए जा रहे है. वहीं राहत संस्था की निदेशक डॉ फरजाना बेगम ने कहा कि बाल विवाह के खिलाफ काम करने के नाते हम भली भांति जानते हैं कि समग्र और समन्वित प्रयासों के बिना यह लड़ाई नहीं जीती जा सकती.
इस मौके पर जिला कल्याण पदाधिकारी अनिल कुमार सिन्हा, जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी आदित्य कुमार राठौड़, गुरूद्वारा प्रबंधक कमिटी के प्रधान सरदार लखविंदर सिंह लक्खा,विद्वान पुरोहित किशन उपाध्याय,अधिवक्ता पंकज झा, संजय उपाध्याय, सरदार गगनदीप सिंह ,सहित बड़ी संख्या में शहर के गणमान्य लोग, समाजसेवी, शिक्षाविद मौजूद थे.