Search
Close this search box.

KishanganjNews:गांव में डोर टू डोर कचड़ा उठाव योजना फेल,अधिकांश पंचायतों में योजना टाय टाय फीस

बेहतर न्यूज अनुभव के लिए एप डाउनलोड करें

कोचाधामन ( किशनगंज) सरफराज आलम

गांव में डोर टू डोर कचरा उठाव लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान फेज दो फ्लाप साबित हो रहा है।अब ना साफ सफाई होती है और न ही कचरा का उठाव ही किया जाता है।प्रखंड के जिन पंचायतों में भी इस योजना की शुरुआत की गई है अधिकांश पंचायतों में यह योजना टांय-टांय फीस है।

एक से दो सालों के अंदर पंचायतों में इस योजना की शुरुआत संबंधित विभाग से जुड़े अधिकारियों के द्वारा बड़े तामझाम के साथ किया गया था। इस के तहत ई रिक्शा,पैदल रिक्शा,सफाई कर्मी की बहाली भी की गई है। साथ ही हर परिवार को हरा और नीला डस्टबिन उपलब्ध कराया गया है।अवशिष्ट प्रसंस्करण इकाई (कंचन घर)का भी निर्माण कराया गया है। इसमें ठोस और गीला कचरा को जमा करना है।

जहां गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग निस्तारित किया जाना है। लेकिन अफसोस की अधिकांश पंचायतों में कंचन घर बंद पड़ा हुआ है।


गांव को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने के उद्देश्य से सरकार की ओर से इस योजना की शुरुआत की गई है। इस संदर्भ में तेघरिया पंचायत के अफजल हुसैन का कहना है कि पंचायत में निर्मित कंचन घर बंद पड़ा हुआ है।इसमें अबतक एक डब्बा भी कचरा नहीं डाला गया है। सरकार के लाखों खर्च के बाद भी आम जनों को इससे कोई फायदा नहीं पहुंच रहा है।


पुरन्दाहा पंचायत के शिवानंद का कहना है कि उसके पंचायत में ई-रिक्शा मुखिया प्रतिनिधि के दरवाजे पर पड़ा हुआ है। मौधो पंचायत के सायम प्रवेज कठामठा पंचायत इमरान आलम का कहना है कि सरकार की यह महत्वकांक्षी योजना फ्लाप साबित हो रही है।न घरों में लोग डस्टबिन में कचरा डालते हैं और न ही सफाई कर्मी इसे उठा कर ले जाते हैं।डस्टबिन भी कहीं नजर नहीं आता है। सिर्फ कागजी खानापूर्ति की जाती है।

KishanganjNews:गांव में डोर टू डोर कचड़ा उठाव योजना फेल,अधिकांश पंचायतों में योजना टाय टाय फीस

× How can I help you?