फारबिसगंज/अरुण कुमार
फारबिसगंज की बेटी आस्था किरण ने तृतीय प्रयास में नीट परीक्षा में सफलता पाकर फारबिसगंज प्रखंड सहित अररिया जिले का मान बढ़ाया है. फारबिसगंज प्रखंड निवासी शिक्षक ओमप्रकाश लाल दास की पुत्री आस्था किरण ने 677 अंक लाकर सामान्य श्रेणी में 4565 वां रैंक प्राप्त किया है. आस्था फारबिसगंज शहर के रानी सरस्वती विद्या मंदिर से वर्ष 2018 में मैट्रिक की परीक्षा में 95.00 प्रतिशत अंक लाकर जिला में प्रथम स्थान प्राप्त की थी.

वहीं वर्ष 2020 में फारबिसगंज कॉलेज से 85.06 प्रतिशत अंक से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की थी. मंगलवार को नीट यूजी परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली छात्रा आस्था किरण अपनी माता के साथ फारबिसगंज शहर के टीचर कॉलोनी में रहती है. आस्था की मां उषा दास गृहिणी है. आस्था तीन बहनों तथा एक भाई में सबसे छोटी है. आस्था की सबसे बड़ी बहन अर्पिता रंजन गृहिणी हैं तो भाई सत्य प्रकाश वर्मा सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं तो बहन शैली श्री गृहिणी हैं,जबकि पिता स्वर्गीय ओमप्रकाश लाल दास का वर्ष 2021 में कोविड से पीड़ित होने के दौरान मृत्यु हो गया था.
मेडिकल में नामांकन लेकर डॉ. बनना चाहती हैं आस्था
आस्था किरण का कहना है कि उसे विश्वास था कि मेडिकल के लिए नीट की परीक्षा में वह सफल होगी. आस्था का कहना है कि बेहतर डॉक्टर बनकर समाज में असहाय व गरीबों का सेवा करना उनकी प्राथमिकता है. आस्था ने अपनी सफलता के पीछे क्रमबद्ध तरीके से संबंधित विषयों का अध्ययन व विशेषज्ञ शिक्षकों के मार्गदर्शन तथा माता-पिता के सुझाव एवं उम्मीदें को मुख्य भूमिका बताई. वहीं अपनी बेटी की तृतीय प्रयास में सफलता के कारण मां उषा दास अपनी खुशी को रोक नहीं सकी,उनका कहना है कि बेटी के बेहतर प्राप्तांक ने हमारी तथा पिता के उम्मीदों को पूरा किया है.
सफलता का शॉर्ट-कट नहीं होता
आस्था किरण ने कहा कि सफलता का कोई शॉट-कट नही है. कड़ी मेहनत और प्रयासों से हीं इसे पाया जा सकता है. आस्था बताती हैं कि नीट एग्जाम में उसे यह सफलता कड़ी मेहनत के दम पर तृतीय प्रयास में 677 अंक प्राप्त हुए हैं. 21 साल की उम्र में नीट एग्जाम क्लियर करने वाली आस्था की बहन अर्पिता रंजन बताती हैं कि आस्था शुरू से हीं स्कूल की होनहार छात्रा रही है,जिसने दसवीं बोर्ड में 95.00 प्रतिशत अंक हासिल किए और 12वीं बोर्ड में 85.06 प्रतिशत अंक हासिल कर क्षेत्र का मान बढ़ाया.
स्मार्ट फोन से बनाई दूरी
आस्था किरण बताती हैं कि इस एग्जाम को क्लियर करने के लिए उसने 10 से 12 घंटे पढ़ाई की और तनाव मुक्त रहने के लिए उसने अपने बाकी बचे समय में स्टडी के साथ म्यूजिक सुना. आस्था बताती हैं सोशल मीडिया के सदुपयोग के बजाएं उसके दुरुपयोग अत्यधिक हो रहे हैं. ऐसे में उसने स्मार्ट फोन से दूरी बना एकाग्रता से पढ़ाई की और उसे ये सफलता मिली.