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अस्ताचलगामी सूर्य को दिया गया अर्घ्य, छठ व्रतियों में दिखा उत्साह

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अररिया /अरुण कुमार 

शुक्रवार से नहाय-खाय के साथ सूर्योपासना का महान पर्व चैती छठ शुरू हो गया है।चैती छठ चार दिनों तक चलेगा। चैती नवरात्र के छठा दिन अस्ताचलगामी  सूर्य को अर्घ दिया जाता है, जबकि सातवा दिन भगवान सूर्य को सात पूजा को उदीयमान सूर्य को अर्घ दिया जायेगा। जिला मुख्यालय में पनार नदी में घाटों पर रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया गया।

जबकि सोमवार को उदीयमान  सूर्य को अर्घ देते हुए यह पूजा समाप्त हो जाएगा। शहर के चांदनी चौक बाजार में छठ पूजा को लेकर फलों की दुकानें में खरीदारी की काफी भीड़ देखी गयी। रविवार  को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ देने के बाद  काफी भक्तों में उत्साह देखा गया।

इस दौरान छठ घाटों पर  पुलिस प्रशासन भी  काफी मुस्तैद दिखे।जिले के प्रसिद्ध पंडित श्री ललित नारायण झा ने बताया कि यह पर्व साल में दो बार छठ पर्व मनाया जाता है।एक चैत्र माह में जिसे चैती छठ कहा जाता हैं। वहीं दूसरी कार्तिक माह में जिसे छठ पूजा कहा जाता हैं।

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, नए साल के पहले महीने यानी चैत्र की षष्ठी तिथि को मनाये जाने के कारण इसे चैती छठ कहते हैं। नहाय खाय के दिन से सेंधा नमक से बना अरवा चावल, कद्दू की सब्जी और चना के दाल का प्रसाद बनता है।

अगले दिन से उपवास होता है।दिनभर व्रत रखने के बाद शाम को पूरे नियम और आस्था के साथ प्रसाद बनाई जाती है। पूजा के बाद घर के सभी सदस्य प्रसाद के रूप में इसे ग्रहण करते हैं। जिसे खरना कहा जाता है।तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ दिया जाता हैं। इन चार दिनों में स्वच्छता और पवित्रता का बहुत ध्यान रखा जाता है।

अस्ताचलगामी सूर्य को दिया गया अर्घ्य, छठ व्रतियों में दिखा उत्साह

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