-राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस पर जिले के स्वास्थ्य संस्थानों में लगाया जाएगा शिविर
किशनगंज /प्रतिनिधि
कैंसर वैश्विक स्तर पर एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक है। कैंसर के कारण हर साल लाखों लोगों की मौत होती है। अनुमान के मुताबिक दुनिया में हर छठी मौत कैंसर के कारण होती है। स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में नित नये खोज व तकनीकी विकास के कारण कैंसर अब लाइलाज बीमारी तो नहीं रही। लेकिन अभी भी आम लोगों के लिए इसका इलाज बेहद कठिन बना हुआ है। दुनियाभर में कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोगों को इसके खतरों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 04 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। हर साल की तरह इस बार भी विश्व कैंसर दिवस के मौके पर 04 से 10 फरवरी तक जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में जागरूकता संबंधी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जायेगा।
व्यक्ति में कैंसर, ख़राब एवं अनियंत्रित दिनचर्या, शराब एवं तंबाकू का सेवन, शरीर पर रेडिएशन का प्रभाव, अंग प्रत्यारोपण आदि से हो सकता है। व्यसनों से दूरी, नियंत्रित दिनचर्या एवं सजगता ,कैंसर से बचने का सबसे सरल एवं सुगम तरीका है।इसी क्रम में जिले में 04 फरवरी रविवार को सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर सहित सभी स्वास्थ्य संस्थानों में राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस मनाया जायेगा। साथ ही 04 से 10 फरवरी तक निःशुल्क कैंसर रोग परामर्श सप्ताह का आयोजन किया जायेगा।
इस बाबत जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ उर्मिला कुमारी ने कहा कि जिले के सदर अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल, रेफरल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, हेल्थ एवं वेलनेस सेंटरों व शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर निःशुल्क कैंसर रोग परामर्श सप्ताह का आयोजन करने के लिए दिशा- निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि जिला पदाधिकारी तुषार सिंगला एवं प्रभारी सिविल सर्जन डॉ मंजर आलम के दिशा- निर्देश में कैंसर रोग की रोकथाम एवं आम जनमानस में इसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विशेष प्रचार- प्रसार किया जा रहा है ।
सामान्य कैंसर की होगी स्क्रीनिंग-
जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ उर्मिला कुमारी ने बताया कि निःशुल्क कैंसर रोग परामर्श सप्ताह के दौरान लगने वाले शिविर में मरीजों को सामान्य कैंसर जैसे मुंह का कैंसर, स्तन कैंसर, गर्भाशय का कैंसर इत्यादि की स्क्रीनिंग की जाएगी। जिसमें विशेष रूप से महिलाओं के कैंसर (स्तन और गर्भाशय का मुख) की स्क्रीनिंग हेतु अलग से एक कमरे की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही उसमें सामान्य कैंसर जैसे मुंह, स्तन और गर्भाशय के मुख के कैंसर इत्यादि के संभावित कारणों, लक्षणों एवं उसके बचाव के प्रति जागरूकता बढाई जाएगी। इन शिविरों में सामान्य कैंसर रोग के संदिग्ध व्यक्तियों को राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों, होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट, इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान पटना, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना एवं महावीर कैंसर अस्पताल पटना में उचित उपचार के लिए रेफर किया जायेगा।
प्रचार-प्रसार के लिए की जाएगी माइकिंग-
जिलेभर में आयोजित होने वाले निःशुल्क कैंसर रोग परामर्श सप्ताह की जानकारी एक दिन पूर्व माइकिंग के जरिए दी जायेगी। साथ ही सभी शिविरों में विशेष टीम (अनिवार्य ड्रेस कोड एवं आवश्यक उपकरण जांच किट के द्वारा कैंसर की स्क्रीनिंग और प्रचार-प्रसार की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी।
जिले में अभी तक कुल 25 हजार से ज्यादा लोगों की गयी है स्क्रीनिंग –
गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ उर्मिला कुमारी ने बताया कि जिला पदाधिकारी श्री तुषार सिंगला के दिशा-निर्देश के आलोक में जिले में अभी तक कुल 25,350 लोगों की स्क्रीनिंग की गयी है। जिसमें 10,234 पुरुष एवं 15,116 महिला शामिल हैं। वहीं इनमें कैंसर के लक्षण वाले 64 मरीज मिले हैं। जिन्हें फॉलोअप में रखा गया है। इसके अलावा 09 कैंसर का कंफर्म केस भी मिला है। 02 रोगी को विशेष इलाज हेतु रेफर किया गया है । अब तक कुल 04 लोगों की बायोप्सी भी की गयी है।
कैंसर का फैलाव:
सिविल सर्जन डॉ मंजर आलम ने बताया कि ज्यादातर कैंसर के चार लक्षण पाए जाते हैं। इन्हें स्टेज 1 से लेकर स्टेज 4 तक की श्रेणी में रखा जाता है। स्टेज 1 की स्थिति में कैंसर का संक्रमण एक छोटे क्षेत्र में सीमित रहता और इसका फैलाव शरीर के अन्य हिस्सों में नहीं होता है। स्टेज 2 में कैंसर में वृद्धि देखी जाती लेकिन फैलाव नहीं होता है । स्टेज 3 की स्थिति में कैंसर और फ़ैल जाता और शरीर की अन्य कोशिकाओं को प्रभावित करता है । स्टेज 4 जिसे एडवांस्ड कैंसर की स्थिति भी कहते हैं।
कैंसर के कारण:
सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों की पहचान होने से मरीज का समय से इलाज संभव है। जिससे उसे ठीक किया जा सकता है। वहीं, ओरल व ब्रेस्ट कैंसर की प्रारंभिक पहचान मरीज स्वयं कर सकते हैं। इसके लिए लक्षणों की पहचान जरूरी है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों जो तंबाकू का सेवन अधिक करते उन्हें कैंसर के खतरों व उसके पहचान से संबंधित जानकारी होनी चाहिए । स्वयं जांच करने के लिए मरीज को अपने मुंह को साफ पानी से धोते हुए कुल्ला करना होगा। उसके बाद आइने के सामने अच्छी रोशनी में सफेद या लाल छाले, न ठीक होने वाले पुराने जख्म या घाव के साथ पूरा मुंह न खोल पाने जैसी बातों की जांच करनी है। यह परीक्षण महीने में एक बार अनिवार्य है। इससे कैंसर के लक्षणों की पहचान होगी। अगर उनमें मुंह के कैंसर के प्रारंभिक लक्षण दिखे, तो तुरंत उन्हें चिकित्सक की सलाह लेना आवश्यक है ।