-स्वास्थ्य विभाग की मासिक समीक्षात्मक बैठक में सेवाओं के सुधार व विस्तार पर जोर
जिले में अक्टूबर महीने में कुल 2934 नोर्मल एवं 28 सीजेरीएन संस्थागत प्रसव हुए
किशनगंज /प्रतिनिधि
मातृ-शिशु सेवाओं की बेहतरी को लेकर जिले में लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। स्वास्थ्य सुविधा को सुलभ रूप से मुहैया करने के लिए जिला प्रशासन काफी गंभीर है। जिले में स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन की ओर से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा संचालित विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों को आम जन – मानस तक पहुंचाने को लेकर आवश्यक पहल लगातार की जा रही है ,गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच, संस्थागत प्रसव, नियमित टीकाकरण को लेकर किये जा रहे विभागीय प्रयासों के अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए जिला पदाधिकारी तुषार सिंगला की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभागार में बुधवार को आयोजित बैठक में स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न योजनाओं की गहन समीक्षा की गयी।
बैठक में जिलाधिकारी ने विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं के क्रियान्वयन मामले में प्रखंडवार उपलब्धियों की गहन समीक्षा की। इस क्रम में मिशन इंद्रधनुष, जिले में डेंगू संबंधी मामलों की अद्यतन स्थिति, टेली कंस्लटेशन, स्वास्थ्य संस्थानों में ओपीडी सेवाओं का संचालन, गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच, सुरक्षित प्रसव, टीबी मुक्त भारत अभियान सहित महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजनाओं की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने को लेकर संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिये।
बैठक में सिविल सर्जन,एसीएम्ओ , डीएस , जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आईसीडीएस , डीआईओ , एनसीडीओ , सीडीओ , भीबीडीसीओ ,डीपीएम् , एसएमसी यूनिसेफ , डब्लूएचओ के एसआरटीएल ,सीफार के जिला समन्वयक , सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंन्धक सहित अन्य मौजूद हुए ।
जिले में अक्टूबर महीने में कुल 2934 नोर्मल एवं 28 सीजेरीएन संस्थागत प्रसव हुए
ओपीडी मामले की समीक्षा के क्रम में कमतर प्रदर्शन पर जिला पदाधिकारी श्री तुषार सिंगला ने सभी पीएचसी प्रभारी को इसमें सुधार को लेकर कड़े निर्देश दिये। प्रथम तिमाही में जहां 56 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच संभव हुआ। वहीं चतुर्थ एएनसी की उपलब्धि 86 फीसदी रही है। संस्थागत प्रसव संबंधी मामलों में उपलब्धि 59 प्रतिशत रहा है। नियमित टीकाकरण मामले में अपेक्षित सुधार की जानकारी बैठक में दी गई। जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में प्रसव संबंधी सुविधाएं संचालित हैं। अक्टूबर महीने में जिले में 2934 नोर्मल एवं 28 सीजेरीएन संस्थागत प्रसव हुए । जिलाधिकारी ने संस्थागत प्रसव मामले में शत प्रतिशत उपलब्धि सुनिश्चित कराने का आदेश दिया। इसके लिये चिह्नित संस्थानों में 24 गुणा 7 मोड में प्रसव सेवा का संचालन सुनिश्चित कराते हुए मातृ-शिशु मृत्यु दर से संबंधित मामलें में अपेक्षित सुधार का आदेश उन्होंने दिया।
– सेवाओं की बेहतरी का संकल्प दिलायेगा बेहतर परिणाम
जिला पदाधिकारी तुषार सिंगला ने जहां बेहतर प्रदर्शन करने वाले स्वास्थ्य अधिकारी के प्रयासों को सराहा। उन्होंने कहा कि सेवाओं की बेहतरी के लिये अधिकारी व कर्मी को एक संकल्प के साथ काम करना होगा। इससे बेहतर परिणाम संभव है। अस्पताल में सफाई व्यवस्था में सुधार, नियमित रूप से ओपीडी व आपातकालीन सेवाओं का संचालन, निर्धारित रोस्टर के मुताबिक कर्मियों की सेवा सुनिश्चित कराने के साथ-साथ अपने कर्तव्य व जिम्मेदारियों के प्रति लापरवाह स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित कराने का निर्देश उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया।एएनसी जांच व संस्थागत प्रसव के मामलों में सुधार को लेकर जिलाधिकारी ने क्षेत्र में आशा कार्यकर्ताओं के गतिविधियों की सतत निगरानी व अनुश्रवण का आदेश दिया। पीएचसी स्तर पर सभी कर्मी व संबंधित विभागों के परस्पर सहयोग से महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजनाओं के क्रियान्वयन में सुधार का आदेश जिला पदाधिकारी के द्वारा सिविल सर्जन को दिया गया है | उन्होंने लापरवाह अधिकारियों को चिह्नित कर उनके खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई का आदेश सिविल सर्जन को दिया। स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिये बेहतर संसाधन व सुविधाओं की उपलब्धता जरूरी है। उन्होंने सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित कराने के लिये टेली कंस्लटेशन सेवाओं को अधिक प्रभावी बनाने का निर्देश दिया। हेल्थ वेलनेस सेंटर के सफल संचालन व टेलीकंस्लटेशन के प्रभावी क्रियान्वयन को उन्होंने जरूरी बताया। मातृ-शिशु मृत्यु दर संबंधी रिपोर्टिंग के लिये आंगनबाड़ी केंद्रों का उचित सहयोग को उन्होंने जरूरी बताया। साथ ही,संबंधित विभागों के बीच आपसी समन्वय को बेहतर बनाते हुए टीम भावना का प्रदर्शन करते हुए सामुहिक प्रयास को महत्वपूर्ण बताया।
मातृ-शिशु स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं को बनायें बेहतर-
स्वास्थ्य योजनाओं की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने मातृ-शिशु मृत्यु दर के मामलों पर की रिपोर्टिंग को अधिक प्रभावी बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मृत्यु संबंधी कारणों की उचित पड़ताल करते हुए स्वास्थ्य अधिकारी इसके निदान को लेकर प्रभावी कदम उठायें। पूर्ण टीकाकरण मामले में विभिन्न प्रखंडों के कमतर प्रदर्शन पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने इसमें सुधार का निर्देश दिया। बीमार बच्चों के इलाज के लिये एसएनसीयू के प्रदर्शन पर उन्होंने संतोष जाहिर किया। वहीं अति कुपोषित बच्चों के समुचित इलाज के एनआरसी में भर्ती कराने पर उन्होंने जोर दिया। डीएम ने कहा कि अभिभावकों को इसके प्रति जागरूक करने की जरूरत है। उन्होंने डेंगू संबंधी मामलों की नियमित समीक्षा करते हुए डेंगू नियंत्रण संबंधी उपायों की मजबूती का निर्देश दिया।