व्हाट्सएप पर सामूहिक सेल्फी व हाजिरी रजिस्टर मंगाना निजता का हनन – दीपक पासवान 

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जिला शिक्षा पदाधिकारी के आदेश को रद्द करवाने हेतु सांसद को शिक्षक संघ ने सौंपा ज्ञापन 

किशनगंज /प्रतिनिधि 

 जिले के सभी सरकारी प्रारम्भिक विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाओं का विद्यालयों में ससमय नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करवाने के उद्देश्य से सभी प्रखंड के अलग-अलग व्हाट्सएप समूह में शिक्षक-शिक्षिकाओं का सामूहिक सेल्फी और हाजिरी रजिस्टर रोजाना विद्यालय खुलने के समय से 10 मिनट बाद 09:10 बजे पूर्वाह्न तक भेजना अनिवार्य है। यह आदेश जिला शिक्षा पदाधिकारी किशनगंज द्वारा निर्गत है।

                 उक्त आदेश पर रोष जताते हुए जिला अध्यक्ष, शिक्षक संघ दीपक पासवान ने निजता का हनन का मुद्दा उठाते हुए मो जावेद आजाद, सांसद, किशनगंज लोक सभा क्षेत्र को ज्ञापन सौंपकर इस आदेश को रद्द करवाने की मांग की है।

  सांसद को सौंपे गये ज्ञापन में अंकित किया गया है कि हाजिरी रजिस्टर में शिक्षक-शिक्षिकाओं के हस्ताक्षर अंकित रहते हैं व इनमें से कई का हस्ताक्षर बिल्कुल वही है जो उनके बैंक खाता में है। व्हाट्सएप पर भेजे जा रहे हाजिरी रजिस्टर और सामूहिक सेल्फी को जबतब सोशल मीडिया पर वायरल किया जाता रहा है। इससे उन शिक्षक-शिक्षिकाओं जिनका हस्ताक्षर हाजिरी रजिस्टर और बैंक खाता में एक समान है, को रोजाना किसी न किसी बैंक फर्जीवाड़े की चिन्ता सताती रहती है। 

 श्री पासवान ने अपने ज्ञापन में अंकित किया है कि चूंकि शिक्षक पदों पर बड़ी संख्या में महिलाएं भी नियुक्त हैं, के कारण उनके सामूहिक सेल्फी में एडिटिंग कर कभी भी किसी असामाजिक तत्वों द्वारा उनके तस्वीरों के संग छेड़छाड़ की जा सकती है जो किसी बड़े दुर्घटना का जनक साबित हो सकता है। ऐसी स्थिति घटित होने पर पीड़ित होने वाली शिक्षिका का जीवन जीना दूभर हो सकता है।

क्या है निजता का अधिकार :- भारतीय संविधान में किसी भी समर्पित अनुच्छेद की अनुपस्थिति के बावजूद, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने अनुच्छेद 21 के दायरे को बढ़ा दिया है और माना है कि निजता का अधिकार भी एक मौलिक अधिकार है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 बताता है- जीवन का अधिकार व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार

इस अनुच्छेद के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति – नागरिकों और गैर-नागरिकों को जीने का अधिकार और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार है। भारतीय दंड संहिता द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अलावा राज्य किसी भी व्यक्ति को इन दोनों अधिकारों से वंचित नहीं कर सकता ।

आधुनिक संदर्भ में गोपनीयता इलेक्ट्रॉनिक संचार में गोपनीयता और ऐसी गतिविधियों के माध्यम से उत्पन्न होने वाले व्यक्तिगत डेटा के बारे में है। व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2019 का उद्देश्य इंटरनेट प्लेटफार्मों की डेटा प्रोसेसिंग गतिविधियों को स्थानीय बनाना है, जो यूरोप में जीडीपीआर कानून के समान है। इस बिल से ‘डेटा फिड्यूशियरी’ की अवधारणा सामने आई है. डेटा फ़िडुशियरी वह है जो डेटा एकत्र करता है (जैसे Google)। इसे यह स्थापित करने की आवश्यकता है कि किसी का व्यक्तिगत डेटा एकत्र करना क्यों आवश्यक है (उदाहरण के लिए – व्यक्ति को ऑनलाइन सेवा के लिए साइन अप करने में सक्षम बनाना)। व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के लिए प्रत्ययी को पारदर्शिता और आवश्यक एन्क्रिप्शन सिस्टम बनाए रखने की आवश्यकता है।

शिक्षक संघ, बिहार के किशनगंज इकाई के जिला अध्यक्ष ने उम्मीद जताया कि जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की प्रस्तावित बैठक में सासंद महोदय द्वारा इस मांग को रखा जा सकेगा ताकि सम्यक विचारोपरांत नियमानुकूल निर्णय जारी करने के पक्ष में प्रस्ताव पारित हो सके।

व्हाट्सएप पर सामूहिक सेल्फी व हाजिरी रजिस्टर मंगाना निजता का हनन – दीपक पासवान