-सदर अस्पताल में 10 बेड का विशेष डेंगू वार्ड संचालित
-जिले में अब तक एक भी संक्रमित मरीज नहीं मिले, नगर परिषद की तरफ से शहरी क्षेत्रों में फॉगिंग जारी
- लोगों को जागरूक करने की मुहिम में जुटा है विभाग
किशनगंज: डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। एहतियातन जिले में भी नियंत्रण को लेकर विभागीय प्रयास जारी है। पीएचसी स्तर पर डेंगू की जांच व इलाज का इंतजाम उपलब्ध कराया गया है। सदर अस्पताल में 10 बेड क्षमता वाला विशेष डेंगू वार्ड संचालित किये जा रहे हैं। डेंगू के बढते खतरों को देखते हुए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट मोड में है। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री लगातार डेंगू से संबंधित मामलों की समीक्षा, जागरूकता अभियान एवं फॉगिंग का अनुश्रवन स्वयं प्रत्येक दिन कर रहे हैं । इसको लेकर प्रखंडवार डेंगू (एलाईजा) जांच और मरीजों के संबंध में जानकारियों को लेकर राज्य मुख्यालय को उपलब्ध करायी जा रही है।
डेंगू से निपटने के लिए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार: जिलाधिकारी
जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने बताया कि जिले में डेंगू के संभावित खतरों से निपटने और मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय सेवा उपलब्ध कराने को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को आवश्यक रूप से दिशा निर्देश दिया गया है। विभागीय स्तर पर हरसंभव सकारात्मक पहल की जा रही है। डेंगू से जुड़ी हुई चुनौतियों से निपटने के लिए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार है। विभागीय स्तर से मरीजों की सेहत की निगरानी की जा रही है। इसके लिए सदर अस्पताल सहित सभी सरकारी अस्पतालों में विशेष रूप से डेंगू वार्ड बनाया गया है। साथ ही सभी स्वास्थ्य संस्थानों में डेंगू जांच किट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करायी गयी है। डेंगू मरीजों के लिए प्लेटलेट्स जांच की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है।
डेंगू मरीजों के लिए पीएचसी स्तर पर विशेष वार्ड व जीएमसीएच में 10 बेड़ आरक्षित: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि जिले के सभी प्राथमिक, सामुदायिक, रेफरल अस्पताल में मच्छरदानी के साथ पांच / पांच बेड बनाकर तैयार किया गया है। जबकि सदर अस्पताल में 10 बेड को अलग से सुरक्षित रखा गया है। ताकि जिले में डेंगू के मरीज़ मिलने पर उसका समुचित उपचार कर जल्द से जल्द ठीक किया जा सके। वहीं जिले के सभी निजी अस्पताल संचालकों को आवश्यक रूप से सख़्त निर्देश दिया गया है कि किसी भी मरीज की जांच में अगर डेंगू की पुष्टि होती है तो अविलंब विभाग को सूचित किया जाना चाहिए। जिला मुख्यालय स्थित अस्पताल में प्लेटलेट्स भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। साथ ही स्वास्थ्य केंद्रों में डेंगू जांच किट भी उपलब्ध है।
डेंगू से बचाव को लेकर किया जा रहा जागरूक –
डेंगू से संबंधित मामलों की जानकारी देते हुए भीबीडीसीओ डॉ मंजर आलम ने बताया कि जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री के निर्देश पर शहरी क्षेत्रों में नगर परिषद की मदद से फॉगिंग की जा रही है। उन्होंने कहा कि डेंगू से बचाव को लेकर जरूरी एहतियाती उपायों पर अमल जरूरी है। इसे लेकर विभिन्न स्तरों पर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है। लगातार बुखार की शिकायत रहने व कमजोरी महसूस होने पर नजदीकी सरकारी अस्पतालों में डेंगू जांच के लिये आम लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। ग्रामीण चिकित्सा संस्थानों में विशेष सत्र आयोजित करते हुए स्थानीय लोगों को डेंगू के खतरे व बचाव संबंधी उपायों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने डेंगू मरीजों को अधिक से अधिक पानी, ओआरएस घोल, नींबू पानी, नारियल पानी का सेवन करने की सलाह दी है। इसके अलावा उन्होंने अधिक से अधिक प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह दी है।