बिहार का जामताड़ा बना अमौर ,साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद हुआ चौकाने वाला खुलासा

बेहतर न्यूज अनुभव के लिए एप डाउनलोड करें

डेस्क:साइबर क्राइम को लेकर जामताड़ा की चर्चा पूरे देश में होती है यही नहीं जामताड़ा के नाम से फिल्म भी बन चुकी है की किस तरह यहां के युवा लोगो को झांसा देकर ठगी का शिकार बनाते है । लेकिन पूर्णिया जिला का अमौर थाना क्षेत्र भी जामताड़ा की राह पर चल निकला है। मालूम हो की पूर्णिया पुलिस को साइबर क्राइम की मिल रही शिकायतों के बाद लगातार इस इलाके में छापेमारी कर अभी तक कई युवकों को गिरफ्तार किया जा चुका है । 

वही ताजा मामला रविवार का है जब पुलिस को गुप्त सूचना मिली की बिशनपुर स्थित एक इलेक्ट्रॉनिक दुकान में कुछ लोग जमीन का केबला डाउन लोड कर फिंगरप्रिंट बना कर अवैध तरीके से रुपए की निकासी कर रहे है। सूचना के आलोक में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी बायसी आदित्य कुमार के नेतृत्व में थाना अध्यक्ष राजीव कुमार आजाद ने दल बल के साथ इलेक्ट्रॉनिक दुकान में छापेमारी की ।जहा पुलिस ने तीन युवकों को धर दबोचा ।गिरफ्तार युवकों की पहचान रौशन जमीर,मो इफ्तखार आलम, रासिद आलम के रूप में हुई है।इनके पास से पुलिस ने लैपटॉप ,मोबाइल ,रबड़ का बना हुआ फिंगर प्रिंट सहित अन्य सामान बरामद किया है।

गिरफ्तार अपराधियों से पुलिस के द्वारा पूछताछ की गई तो आरोपियों ने चौकाने वाला खुलासा किया है। एसपी के द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया गया कि 

आरोपियों ने पूछताछ के क्रम में बताया कि उन लोगों का एक संगठित गिरोह है जिस गिरोह में कई सदस्य कार्य करते हैं। वह लोग दूसरे राज्य का केवाला डाउनलोड करके उससे लोगों का आधार नंबर एवं फिंगरप्रिंट  प्राप्त कर फर्जी तरीके से रबर के सीट पर डुप्लीकेट फिंगरप्रिंट तैयार कर AEPS (Aadhar Enabled Payment System ) के माध्यम से खाते से अवैध तरीके से पैसा के निकासी करते हैं।

आरोपियों ने चौकाने वाला खुलासा करते हुए पुलिस को बताया की वह लोग झारखंड स्थित जामताड़ा में जाकर साइबर अपराध करने का ट्रेनिंग लिए हुए हैं। वहां से ट्रेनिंग लेने के पश्चात वह लोग यहां आकर संगठित रूप से यहाँ के कुछ अन्य लोगों को ट्रेनिंग देकर तैयार करते हैं, इस प्रकार वे लोग संगठित होकर साइबर अपराध की घटनाओं को अंजाम देते हैं।

बिहार का जामताड़ा बना अमौर ,साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद हुआ चौकाने वाला खुलासा