जिले के जनप्रतिनिधि परिवार नियोजन के स्थायी व अस्थायी साधन की जानकारियों से हुए रुबरु
जिले के शहरी एवं त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के जनप्रतिनिधि ने भाग लिया
किशनगंज /प्रतिनिधि
बिहार सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम मिशन परिवार विकास अभियान के सफल संचालन में जिले के जनप्रतिनिधियों की आवश्यक भागीदारी हेतु बुधवार को जिले के शहरी क्षेत्र के सम्राट अशोक भवन के सभागार में एकदिवसीय उन्मुखीकरण – सह- जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जिला पदाधिकारी ,श्रीकांत शास्त्री ने उन्मुखीकरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि परिवार नियोजन व्यक्ति और समाज दोनों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कम बच्चों पर व्यक्ति उनका अच्छे से पालन-पोषण कर सकेगा जो आगे अच्छे नागरिक बनेंगे,जिसके कारण समाज उन्नत बन सकेगा तथा समाज का स्तर ऊपर उठेगा। इस कार्यक्रम को समुदाय एवं स्थानीय स्तर के पंचायत जनप्रतिधियों की सहभागिता से ही प्रभावी रूप में लागू करने पर देश का आर्थिक रूप से तीव्र विकास संभव है। गरीबी, बेरोजगारी और आर्थिक असमानता को कम किया जा सकता है।
विकसित भारत की कल्पना कर सकते हैं। इसलिए, मिशन परिवार विकाश अभियान को सफल बनाने के लिए सभी जनप्रतिनिधियों को अपने क्षेत्र में जागरूकता फैलानी होगी।ताकि परिवार नियोजन अन्तर्गत लाभार्थी को सभी सेवाएं निःशुल्क उपलब्ध कराकर यह अभियान शत प्रतिशत सफल हो सके। जिसमें उप विकास आयुक्त मनन राम एवं जिला परिषद् अध्यक्ष , जिला परिषद् सदस्य ,पंचायत समिति सदस्य , मुखिया , उप मुखिया , शहरी क्षेत्र नगर परिषद् एवं नगर पंचायत के अध्यक्ष , उपाध्यक्ष , एवं सभी वार्ड सदस्य ने भाग लिया।
नवीन गर्भनिरोधक अंतरा एवं छाया को महिलाओं द्वारा सहजता से किया जा रहा है स्वीकार
एसीएमओ – सह – प्रभारी सिविल सर्जन, डॉ सुरेश प्रसाद ने बताया कि परिवार नियोजन के साधनों को अपनाने के बारे में समुदाय में फैली भ्रांतियों को दूर करने की आवश्यकता है। जिसमें जनप्रतिनिधियों की भूमिका अहम मानी जाती है। क्योंकि परिवार नियोजन में अस्थायी रूप से नवीन गर्भनिरोधक अंतरा एवं छाया को महिलाओं के द्वारा सहजता से स्वीकार किया जा रहा है। जिले में 13 से 25 मार्च तक परिवार नियोजन सेवा सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है |दम्पती संपर्क पखवाड़े के दौरान आमजन में जागरूकता लाने के लिए सही उम्र में शादी, शादी के बाद कम से कम 2 साल के बाद पहला बच्चा, दो बच्चों में कम से कम 3 साल का अंतराल एवं प्रसव के बाद या गर्भपात के बाद परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थायी साधनों पर जोर दिया गया ।
किया जा रहा है प्रचार प्रसार:
प्रभारी सिविल सर्जन डॉ सुरेश प्रसाद ने बताया कि आमजन में जागरूकता लाने के उद्देश्य से ई-रिक्शा से स्थानीय स्तर पर तैयार रूट चार्ट के अनुसार जिले एवं इसके सभी प्रखंडों तथा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। ई-रिक्शा पर संबंधित क्षेत्र की आशा फैसिलिटेटर की तैनाती की गयी है। आमजनों को स्थल पर अस्थायी गर्भनिरोधक साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। ई-रिक्शा पर कंडोम बॉक्स तथा ट्रे पर अस्थायी गर्भनिरोधक के साधन प्रदर्शित किये गये हैं।उन्होंने बताया कि प्रत्येक माह की 21 तारीख को निर्देशानुसार सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा सभी क्रियाशील हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर परिवार नियोजन दिवस का आयोजन सुनिश्चित किया जा रहा है ।
नसबंदी के लिए लाभार्थी को करेंगे चिह्नित-
उन्मुखीकरण कार्यक्रम में बताया गया कि जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री के निर्देश पर जिले के प्रत्येक पंचायत के मुखिया अपने पंचायत क्षेत्र के प्रत्येक गांव से पुरुष नसबंदी के लिए एक-एक इच्छुक लाभार्थी को प्रेरित करते हुए आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से स्वास्थ्य संस्थानों में लाएंगे। जनप्रतिनिधियों को बताया गया कि संचालित होने वाले परिवार कल्याण पखवाड़ा की सफलता को ध्यान में रखकर पंचायत प्रतिनिधियों को इस अभियान में शामिल किया जा रहा है। ताकि, पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग से युवाओं, नवविवाहित जोड़ों और एक बच्चे वाले जोड़ों को बच्चों में अंतराल सुनिश्चित करने वाले आधुनिक गर्भनिरोधक (अस्थायी साधनों) का उपयोग करने के लिए सक्षम बनाया जा सके। साथ ही, परिवार नियोजन की राह में आ रही सबसे बड़ी बाधा पुरुष नसबंदी के बारे में व्याप्त भ्रांतियों को दूर किया जा सके।