कैमूर :आस्था के साथ मनाया जा रहा है छठ पर्व,डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ व्रतियों ने मांगी मन्नतें

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कैमूर जिले के सभी घाटों पर छठ पूजा पर डूबते हुए सूर्या को अर्ध्य देते श्रद्धालु.

कैमूर/भभुआ(ब्रजेश दुबे):

छठ महापर्व के तीसरे दिन व्रतियों ने शाम के समय गंगा घाटों पर पहुंचकर अस्त होते सूर्य को नमन कर पहला अर्घ्य दिया। श्रद्धालुओं ने अर्घ्य देने के साथ ही छठ मइया से विश्व कल्याण और परिवार के सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। शहर के राजेंद्र सरोवर घाट के साथ ही जिले के अन्य घाटों पर श्रद्धालु ढोल नगाड़े बजाते हुए पहुंचे। कल उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ महापर्व का समापन किया जाएगा।

बता दे की शहर में कुछ सालों से छह पर्व लोग बहुत कम संख्या में मनाते थे। लेकिन धीरे-धीरे शहर में लोगों की संख्या काफ़ी बढ़ने लगी है। इसके बाद ये पर्व स्वयं में अलग छठा बिखेरने लगा। वर्तमान में इस पर्व को मनाने वाले श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या है। इसको देखते हुए नगर प्रशासन हर साल इस पर्व के लिए नहर, नदी के अलावा तालाबों को घाटों की सफाई करवाकर श्रद्धालुओं को सुविधाएं मुहैया करवाता है। छठ पर्व शुक्रवार को नहाय खाय के साथ शुरू हो गया था। इसके बाद दूसरे दिन खरना की रस्म पूरी करने के बाद महिलाओं ने निर्जला व्रत रखा।

तीसरे दिन यानी आज रविवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की रश्म को पूरा की। इसको लेकर श्रद्धालुओं में सुबह से ही उत्साह दिखाई दे रहा था। व्रती महिलाएं जहां दिनभर छठ मइया की आराधना करती रहीं, वहीं घर के अन्य सदस्यों ने शाम की पूजा के लिए दिनभर खरीदारी की। शाम होते ही श्रद्धालु परिजनों के साथ पूजा की सामग्री लेकर नदी, तालाब, नहर के घाटों पर डलवा लेकर पहुंचे। यहां पहुंचकर पहले से चिह्नित बेदी पर पूजा का सामान रखकर व्रती महिलाओं ने पूजापाठ शुरू किया। इसके बाद महिलाओं ने छठ पूजा में उपयोग होने वाली सभी सामग्रियों को एक बांस की टोकरी में रखा। इसके बाद सूर्य को अर्घ्य के लिए प्रसाद सूप में रखकर दीपक जलाया। इसके बाद सूर्य अस्त होने से पहले ही महिलाएं नदी, तलाबों के पानी में खड़ी हो गई। वहीं सूर्य के अस्त होते ही सूर्य देव को अर्घ्य दिया और परिवार में सुख-समृद्धि की कामना की।

बता दें कि कैमूर(भभुआ)शहर में
जीरो जोन होने के बावजूद लगा जाम

शहर के बीचों बीच नदी घाट पर छठ व्रतियों के पहुंचने के दौरान सड़क पर जाम लग गया। हालांकि कैमूर पुलिस पहले से ही एक्टिव मोड में थी नगर मे एकता चौक से पटेल चौक तक के क्षेत्र को जीरो जोन किया हुआ था। यहां चारपहिया वाहनों की एंट्री कुछ देर के लीये बिलकुल बंद थी। इसके बावजूद यहां जाम लग गय। दरअसल, दुपहिया वाहनों के साथ ही ई-रिक्शाएं जाम का कारण बनी। मनाही के बावजूद बहुत से लोग ई-रिक्शा लेकर बाजार में घुस गए। ऐसे में यहां तैनात पुलिस को जाम खुलवाने में बड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
बांस की टोकरी में सजाई पूजा सामग्री

छठ पूजा के लिए बांस से बनी टोकरियों का विशेष महत्व होता है। महिलाएं इस बांस की टोकरी और सूप (छाज) में पूूजा की सामग्री रखती है। इसमें मुख्य रूम से चावल, दीपक, सिंदूर, गन्ना, हल्दी, ठेकुआ, शकरकंद, दूध, फल, शहद, पान, नींबू, सुपारी, कैराव, कपूर, मिठाई और चंदन के अलावा भिन्न-भिन्न डिजाइन के बनाए हुए ठेकुआ, मालपुआ, खीर, सूजी का हलवा, पूरी, चावल के लड्डू आदि सामान रखते हैं। महिलाओं ने पूजा करके अपनी संतान की लंबी उम्र की कामना की।

वही जिले के विभिन्न घाटों पर राजनीतिक रसूखदार भी देखे गए पंचायत जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रखंड एवं जिला तक राजनीति रसूखदार देखे गए.

कैमूर :आस्था के साथ मनाया जा रहा है छठ पर्व,डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ व्रतियों ने मांगी मन्नतें