• निश्चय पोषण योजना में निबंधित सभी उपचाराधीन मरीजों को अविलम्ब भुगतान का जिलाधिकारी ने दिया निर्देश
• निजी चिकित्सकों को करना होगा टीबी मरीजों का सत्यापन और निश्चय पोर्टल पर अपलोड
किशनगंज /प्रतिनिधि
जिला स्वास्थ्य विभाग और जिला यक्ष्मा विभाग 2025 तक टीबी उन्मूलन हेतु संकल्पित है. जिला की वस्तुस्थिति एवं उन्मूलन में आ रही चुनौतियों को जिलाधिकारी के संज्ञान में लाने के उद्देश्य से आज सोमवार को जिला टीबी फोरम की बैठक का आयोजन जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में जिलाधिकारी सभागार में संपन्न हुआ.बैठक में डब्लू एच ओ के मेडिकल कंसलटेंट डॉ राजीव एन एस ने बताया की टीबी को लेकर जिले में लगातार अभियान चलाया जा रहा है। उसे और तेज करने के जरुरत है । बैठक में जिला टीबी फोरम के सभी सदस्यों के अलावा सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर , अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुरेश प्रशाद , जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार डब्लू एच ओ के मेडिकल कंसलटेंट डॉ राजीव एन एस ,डीपीसी अभिनाश कुमार , सहित कई चिकित्सक एवं टीबी चैंपियन उपस्थित रहे.
निश्चय पोषण योजना में निबंधित सभी उपचाराधीन मरीजों को अविलम्ब भुगतान का जिलाधिकारी ने दिया निर्देश:
जिलाधिकारी ने उपचाराधीन टीबी मरीजों को पोषण के रूप में दी जानी वाली सहायता राशि की वस्तुस्थिति की जानकारी ली और जिला में भुगतान की स्थिति की समीक्षा करते हुए अविलंब सभी उपचाराधीन टीबी मरीजों को पोषण के रूप में दी जानी वाली सहायता राशि के भुगतान के निर्देश दिए. जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि जिले में अभी चिन्हित टीबी मरीजों की संख्या 903 है, सभी मरीजों को हर महीने 500 रुपये पोषण राशि के रूप से जल्दी ही राशि उनके खाते में जमा करा दी जाएगी,
निजी चिकित्सकों को करना होगा टीबी मरीजों का सत्यापन और निश्चय पोर्टल पर अपलोड:
बैठक में जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि जिला के कई निजी चिकित्सक टीबी मरीजों का उपचार तो करते हैं लेकिन विवरण और जानकारी निश्चय पोर्टल पर अपलोड नहीं करते हैं जो की अनिवार्य है. जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन डॉ.कौशल किशोर को निर्देश दिए कि अविलंब निजी चिकित्सकों के साथ बैठक कर उन्हें उक्त कार्य करने हेतु निर्देश दें और उन्हें इसके लिए प्रोत्साहित करें. जिलाधिकारी ने कहा उक्त बैठक के उपरांत भी अगर निजी चिकित्सक आदेश की अवहेलना करते हैं तो उनपर कार्यवाही की जाएगी.
निक्षय योजना की दी जानकारी
डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया की टीबी से बचाव के लिए सही पोषण भी जरूरी है। अगर सही पोषण नहीं मिलेगा तो लोग कुपोषण के शिकार हो जाएंगे और उस पर टीबी की चपेट में आने का खतरा रहता है। इसलिए लोगों को संतुलित आहार लेना चाहिए। आहार में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा और मिनरल्स की मात्रा जरूर होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि टीबी के अधिकतर मामले घनी आबादी वाले इलाके में पाए जाते हैं। वहां पर गरीबी रहती है। लोगों को सही आहार नहीं मिल पाता है और वह टीबी की चपेट में आ जाते हैं। इसलिए हमलोग घनी आबादी वाले इलाके में लगातार जागरूकता अभियान चला रहे हैं, साथ में सही पोषण लेने के लिए भी जागरूक कर रहे हैं। निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीजों को इलाज के दौरान 500 रुपये प्रतिमाह की मदद मिलती है. यह राशि सीधे मरीज के बैंक खाते में जाती है. इसका इस्तेमाल अच्छे पोषण के लिए करना है. बैठक के दौरान प्रखंडों तथा पंचायत के भीड़भाड़ वाली जगहों पर होर्डिंग, फलैक्स, पोस्टर निक्षय पोषण प्रोत्साहन राशि का लगाने का निर्णय लिया गया.
टीबी मुक्त भारत अभियान की दी जानकारी:
इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया ड्रग रिेसिस्टेंनेंट मरीजों का इलाज के दौरान दूरदराज से आनेजाने के लिए भाड़ा का भुगतान किया जाता है. आशा, ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ता, दवा विक्रेता, प्राइवेट डॉक्टर के द्वारा संदेहात्मक टीबी रोगी की सूचना देने पर 500 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है. सभी निजी चिकित्सकों के द्वारा संदेहात्मक टीबी रोगी को सरकारी जांच केंद्र पर जांच करा कर टीबी रोगी का इलाज किया जा रहा है. इन्हें सरकार की ओर से टीबी की दवा भी मुफ्त में दी जाती है. एक निजी चिकित्सक को 500 रुपये प्रति नया टीबी मरीज अधिसूचित करने पर एव उसी मरीज का आउटकम पर 500 रुपये दिये जाते हैं. उन्होंने टीबी मुक्त भारत शपथ प्रतिज्ञा लेने के लिए एप तथा टीबी मुक्त भारत अभियान 2025 की विस्तृत जानकारी दी. वही जिले की प्रत्येक आशा को माह में दो लोगो की जांच का निर्देश दिया गया है |
सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क जांच:
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने टीबी जांच तथा इससे जुड़ी विभिन्न योजनाओं पर जानकारी देते हुए बताया गया कि साथ ही निजी अस्पतालों में टीबी मरीजों का सीबीनेट या ट्रूनेट जांच में तीन हजार से चार हजार रुपये का खर्च होता है. जबकि ये जांच सरकारी संस्थाओं में नि:शुल्क कराये जा सकते हैं. जिले में पोठिया , ठाकुरगंज , मेडिकल कॉलेज सह लायंस सेवा केंद्र एवं सदर अस्पताल में टीबी की मुफ्त जांच होती है.