रक्षा बंधन को लेकर शहर में राखी से पटा बाजार ,500 से अधिक तक का बिक रहा है राखी
-ऑनलाइन भी हो रही है जबकर राखी की खरीदारी
अररिया /अरुण कुमार
- कुरियर के माध्यम से बहन अपने भाई को भेज रहे हैं राखी
रक्षाबंधन को लेकर शहर के गली-मुहल्ले से लेकर मुख्य बाजार की दुकानें तरह -तरह की दुकानें राखी से सज चुकी है. बाजार में रौनक लौट आयी है. इसके अलावे गिफ्ट व कपड़े की दुकानों पर भी भीड़ जुट रही है.अगामी 11अगस्त को रक्षाबंधन पर्व मनाया जायेगा. भाई-बहनों का अटूट संबधो का प्रतीक राखी को लेकर भाई -बहनों के बीच उत्साह चरम पर है. रक्षा बंधन पर्व ज्यों-ज्यों नजदीक आ रहा है, बाहर रहने वालों भाइयों के लिये बहनें राखी खरीद कर कोरियर व डाक से भेज रही हैं. बाजार में रंग बिरंगी राखियों की दुकानें सज गया है. राखी पर्व के लिये कपड़े , मिठाई, ड्राई फूड से लेकर गिफ्ट आइटम की दुकानों में रौनक है. राखी के गीतों से बाजार गुंजायमान है. बाहर रहने वाली बहने भाइयों को राखी भेजनी शुरू कर दी है. कोरियर वाले व पोस्ट मैन बहनों द्वारा भेजी गई राखी भाइयों तक पहुंचा रहे हैं.
बाजार में 500 तक का राखी है उपलब्ध
बताया जाता है कि स्टोन राखी की डिमांड सबसे ज्यादा बाजार में दो रुपये से 500 रुपये तक की राखी उपलब्ध है. सबसे ज्यादा स्टोन राखी का डिमांड है . इसकी कीमत से 500 रुपये तक है . बाजार में बच्चों के लिये टेडी राखी , म्यूजिक राखी व लाइट राखी भी बाजार में खूब बिक रही है. टेडी राखी की कीमत 15, 20 से 40 रुपये में बिक रही है. म्यूजिक राखी 150 रुपये व लाइट राखी 75 से 80 रुपये में बिक रही है. बच्चों को म्यूजिक राशि खूब पसंद आ रही है. सबसे ज्यादा बिक्री 25 से 100 रुपये कीमत की राखी की है. शहर के चांदनी चौक , बस स्टेंड, आश्रम चौक, स्टेशन रोड सहित सभी बाजारों में राखी की बिक्री जोरों पर है. चांदनी चौक एक राखी दुकानदार बताते हैं कि उनके दुकान में दो रुपये से 500 तक की राखी मौजूद हैं.सबसे ज्यादा बिक्री स्टोन की राखी की है.
ऑनलाइन भी हो रहा है शॉपिंग
बताया जाता है कि कमोबेश सभी दुकानों जमकर खरीदारी हो रही है. ऑनलाइन से भी हो रही बिक्री भाइयों को राखी भेजने के लिये ऑन लाइन शापिंग का भी खूब इस्तेमाल हो रहा है. बहनें विभिन्न ऑनलाइन शापिंग वेबसाइटों पर राखी की खरीदारी कर रही है. शापिंग की वेबसाइट भाई के पते पर राखी भेज रहे हैं. भाई भी बहनों को ऑनलाइन शापिंग के माध्यम से बहनों को चाकलेट व गिफ्ट भेज रहें हैं.
रक्षाबंधन पर्व का महत्व
मां खड्गेश्वरी महाकाली व बाबा खड्गेश्वरनाथ महादेव के साधक नानु बाबा बताते है कि धार्मिक मान्यता के अनुसार, शिशुपाल राजा का वध करते समय भगवान श्री कृष्ण के बाएं हाथ से खून बहने लगा, तो उस समय द्रोपदी ने तत्काल अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर उनके हाथ की अंगुली पर बांध दिया. कहा जाता है कि तभी से भगवान कृष्ण द्रोपदी को अपनी बहन मानने लगे व सालों के बाद जब पांडवों ने द्रोपदी को जुए में हरा दिया व भरी सभा में जब दुशासन द्रोपदी का चीरहरण करने लगा तो भगवान कृष्ण ने भाई का फर्ज निभाते हुए उसकी लाज बचाई थी.मान्यता है कि तभी से रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाने लगा, जो आज भी जारी है. श्रावण मास की पूर्णिमा को भाई-बहन के प्यार का त्योहार रक्षाबंधन मनाया जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, रावण की बहन ने भद्रा में उसे रक्षा सूत्र बांधा था, जिससे रावण का सर्वनाश हो गया था.
11 व 12 को बहन बांध सकेगी राखी
पंडित ललित नारायण झा ने बताया कि पूर्णिमा 11 अगस्त को प्रारंभ हो रही है. मान्यता के अनुसार रक्षाबंधन के लिए सबसे अच्छा समय दोपहर के बाद का माना गया है. पौराणिक मान्यता के अनुसार अपराह्न का समय राखी बांधने के लिए सबसे उपयुक्त बताया गया है. इसके साथ ही दोपहर में यदि ‘भद्रा’ है तो इसे शुभ नहीं माना जाता है. 11 अगस्त को प्रदोष काल में भद्रा पूंछ के समय शाम 5 बजकर 18 मिनट से लेकर 6 बजकर 18 मिनट तक के बीच रक्षा सूत्र बंधवा सकते हैं. यदि ये संभव नहीं है व जो लोग सूर्यास्त के बाद राखी नहीं बांधते हैं वे अगले दिन यानि 12 अगस्त को राखी बांध सकते हैं.