किशनगंज :जिले की 03 क्लबफुट से ग्रसित बच्चों के सफल ऑपरेशन के लिए भेजा गया जेएलएनएमसीएच भागलपुर

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•जन्म से पैर का मुड़ना होता होता है क्लबफुट
•समय पर इलाज बहुत है जरूरी
•पूरी प्रक्रिया में परिवार को नहीं होगा कोई भी खर्च

किशनगंज :बच्चे का जन्म पूरे परिवार के लिए खुशियों से भरा होता पर जन्म से ही अगर बच्चा किसी जानलेवा रोग से ग्रसित हो तो परिवार के लिए यह सबसे मुश्किल घड़ी हो जाती है। जिला के बहादुरगंज प्रखंड के बास्बरी ग्राम के एक माह की नजफ़ राजा , किशनगंज प्रखंड के कुलाहमनी गाँव की एक माह की बुशरतन निशा एवं कमरमनी गाँव के एक माह के शाहिद आलम ऐसी ही बीमारी से ग्रसित मिला। जिसका जन्म से ही पैर मुड़ा हुआ था। जो समय के साथ बढ़ता ही जा रहा था। इसे चिकित्सकीय भाषा में क्लबफुट कहते हैं। सही समय पर इसका ऑपरेशन नहीं करवाने की स्थिति में यह जिंदगी भर अपाहिज बना सकता है। मामले की जानकारी मिलने पर सिविल सर्जन डॉ. कौशल किशोर ने जिला में कार्यरत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के डिस्ट्रिक्ट एर्ली इन्वेंशन सेंटर (डीईआईसी) द्वारा इसे जेएलएनएमसीएच भागलपुर में भेजा गया जहां इनका सफल ऑपरेशन होगा ।
जन्म के बाद से ही शुरू हो गया था पैर का मुड़ना :
तीनों क्लबफुट बीमारी से ग्रषित बच्चों के अभिभावक ने बताया कि जन्म के बाद से ही बच्चे का पैर मुड़ा हुआ और समय के साथ बढ़ता ही जा रहा था। शुरुआत में इसे नजरअंदाज कर दिया गया । परंतु आरबीएसके की टीम के द्वारा बच्चे को चिह्नित किया गया तथा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आईबीएसके) के डिस्ट्रिक्ट एर्ली इन्वेंशन सेंटर (डीईआईसी) भेजा गया। यहां चिकित्सक द्वारा जांच के बाद बच्चे को क्लबफुट से ग्रसित पाया गया और इसके इलाज के लिए जेएलएनएमसीएच भागलपुर भेजा गया जहां ऑपरेशन करके इसे ठीक किया जायेगा ।

आरबीएसके द्वारा की गई मदद :


आरबीएसके के जिला समन्वयक डॉ. ब्रह्मदेव शर्मा ने कहा कि उक्त तीनों बच्चों को जेएलएनएमसीएच भागलपुर भेजा गया। जहां विशेषज्ञ चिकित्सक ने जांच की तो इसमें क्लब फुट की समस्या पाई गई। जिससे उबरने के लिए ऑपरेशन ही एकमात्र विकल्प होता है। सिविल सर्जन डॉ. कौशल किशोर के आदेश से बच्चे को तुरंत एम्बुलेंस के माध्यम से जेएलएनएमसीएच भागलपुर भेजा गया। वहां आरबीएसके समन्वयक डॉ केशव किशोर की देखरेख में सर्जन से बच्चे का सफल ऑपरेशन करवाया जायेगा । ऑपरेशन के बाद सभी प्रकार की जांच सही आने के बाद फिर एम्बुलेंस द्वारा बच्ची व उनके परिजन को घर तक पहुँचाया जायेगा ।

नहीं होगा परिवार को कोई भी खर्च :


आरबीएसके जिला समन्वयक डॉ. शर्मा ने बताया कि पूरी जांच और ऑपरेशन की प्रक्रिया आरबीएसके टीम द्वारा ही की जाएगी । इस पूरी प्रक्रिया में परिजनों को किसी तरह का कोई भी खर्च नहीं करना पड़ेगा । ऑपरेशन के बाद भी बच्चे की फीडबैक के लिए टीम के द्वारा उनके घर जाकर नियमित जानकारी ली जाती है। आरबीएसके टीम बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए नियमित रूप से कार्यरत है।


आरबीएसके के तहत 30 रोगों का इलाज किया जाता है –


सिविल सर्जन डॉ. कौशल किशोर ने बताया कि इन बच्चों का राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत सफल इलाज किया जायेगा। इसके लिए जिले के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की पूरी टीम धन्यवाद की पात्र है। जिन्होंने बच्ची के ह्रदय एवं अन्य इलाज के लिए स्क्रीनिंग का कार्य किया है। 18 साल तक के बच्चों को किसी प्रकार की गंभीर समस्या होने पर आईजीआईएमएस, एम्स, पीएमसीएच इलाज के लिए भेजा जाता है। टीम में शामिल एएनएम, बच्चों का वजन, उनकी लंबाई व सिर एवं पैर आदि की माप आदि करती हैं। फॉर्मासिस्ट ,रजिस्टर में स्क्रीनिंग किये गये बच्चों का ब्योरा तैयार करते हैं। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 0 से 18 साल तक के सभी बच्चों को चार मुख्य समस्याओं पर केंद्रित किया जाता है। इनमें डिफेक्ट एट बर्थ, डिफिशिएंसी डिजिज, डेवलपमेंट डीले तथा डिसएबिलिटी आदि शामिल हैं। इससे जुड़ी सभी तरह की बीमारी या विकलांगता को चिह्नित कर इलाज किया जाता है। आरबीएसके के तहत 30 तरह की बीमारियों का इलाज किया जाता है।

किशनगंज :जिले की 03 क्लबफुट से ग्रसित बच्चों के सफल ऑपरेशन के लिए भेजा गया जेएलएनएमसीएच भागलपुर