बिहार : शराब बंदी कानून में ढील,पहली बार शराब पीकर पकड़े जाने पर नहीं जाना होगा जेल..नीतीश कैबिनेट ने दी मंजूरी 

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पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बिहार कैबिनेट की बैठक में कुल 14 प्रस्तावों पर मुहर लगी है. कैबिनेट से बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद (संशोधन) अधिनियम 2022 को स्वीकृति दी गई है. इस अधिनियम में संशोधन होने के बाद शराब पीने वाले लोगों को जमानत के लिए अदालत जाने की आवश्यकता नहीं होगी. शराब पीते हुए पकड़े जाने पर किसी भी शख्स को एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा और आर्थिक दंड लगा कर जमानत दे दी जाएगी।हालाकि पूर्व में भी पहली बार शराब पी कर पकड़े जाने के बाद 50 हजार जुर्माना का प्रावधान किया गया था ।लेकिन सूत्रों की माने तो पूरे बिहार में एक भी व्यक्ति को फाइन लेकर जमानत नहीं दिया गया ।

नए नियम के मुताबिक पहली बार शराब पीते हुए जो लोग पकड़े जाएंगे, यदि वे उस शराब बेचने वाले धंधेबाज का नाम पुलिस-प्रशासन को बता देंगे तो उन्हें मामूली फाइन देकर जमानत दे दी जाएगी. इसके अलावा शराब के कारोबार में संलिप्त वाहनों का अब लैब रिपोर्ट मिलने के बाद वीडियोग्राफी करा कर उसकी नीलामी करवाई जाएगी. इसके पहले शराब के अवैध कारोबार में जो वाहन इस्तेमाल में लाए जाते थे, उन वाहनों के पकड़े जाने के बाद राज्यसात करना पड़ता था.






इसके कारण कानूनी प्रक्रिया में काफी विलंब होता था. अब इस प्रकार के वाहनों की नीलामी कम समय में हो जाएगी. संशोधन विधेयक में प्रावधान किया गया है कि किसी वैसे वाहन, जिसमें पहली बार शराब पकड़ी जाती है या उससे कारोबार नहीं किया गया हो तो उसके वाहन मालिक से एक निश्चित राशि लेकर छोड़ दिया जाएगा. किसी भी निजी गाड़ी या सार्वजनिक परिवहन में एक-दो बोतल शराब पकड़े जाने पर उससे फाइन लेकर छोड़ने का प्रावधान लाया गया है.

राज्य सरकार अब इस संशोधन को विधानसभा-विधान परिषद से पास करायेगी. बिहार सरकार ने शराबबंदी कानून में संशोधन का फैसला ठीक उसी दिन लिया, जिस दिन सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई थी. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का समय मांगा है. माना जा रहा है कि कानून में संशोधन कर सरकार सुप्रीम कोर्ट में फजीहत से बचना चाहती है. हालांकि बिहार सरकार की ओर से शराबबंदी कानून में संशोधन को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है.

कैबिनेट की बैठक के बाद पत्रकारों के सवालों पर  सरकार की ओर से कहा गया है कि विधानसभा और विधान परिषद में इस संशोधन को रखने के बाद पूरी जानकारी दी जाएगी. सूत्रों का कहना है कि शराबबंदी कानून को और सख्त बनाने की तैयारी है. माना जा रहा है कि शराबबंदी कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार के फंसने की संभावना है. उसी को देखते कानून में संशोधन किया गया है.

हालाकि शराब के अवैध कारोबार से जुड़े लोगों को किसी तरह की राहत नहीं दी जा रही है.उन्हें सजा दिलाने के लिए कानून में और सख्ती करने के के उपाय किए जा रहें ।














बिहार : शराब बंदी कानून में ढील,पहली बार शराब पीकर पकड़े जाने पर नहीं जाना होगा जेल..नीतीश कैबिनेट ने दी मंजूरी