किशनगंज :जिले में कोरोना के 86 नए मरीज मिले,सिविल सर्जन ने कहा संक्रमण के प्रसारण को रोककर करें महामारी को परास्त

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• मास्क, सामाजिक दूरी, स्वच्छता का पालन एवं घरों का हवादार रखना जरुरी
• क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं को रैपिड एंटीजन टेस्टिंग के लिए प्रशिक्षित करने की सलाह
• सार्वजनिक परिवन वाहनों में हवा के प्रवाह को सुनिश्चित करने पर बल

किशनगंज /प्रतिनिधि


कोविड-19 के फैलाव की रोकथाम के लिए संक्रमण के प्रसारण को रोकना बेहद जरुरी है, जिसमें तक मास्क, सामाजिक दूरी एवं स्वच्छता अभी तक सबसे प्रभावी हथियार साबित हुए हैं. इसको लेकर केंद्र सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के महकमे ने सरल दिशा-निर्देश जारी किए हैं. एडवाइजरी में हवादार स्थानों के महत्व को रेखांकित करते हुए घरों, कार्यस्थानों एवं सार्वजनिक परिवन वाहनों में हवा के बेहतर प्रवाह पर अधिक बल दिया गया है. जिले में लोगों के कोरोना संक्रमित होने की तुलना में अच्छी खासी संख्या में लोग कोरोना वायरस के संक्रमण से जंग जीतकर स्वस्थ भी हो रहे हैं। जिले के सिविल सर्जन डॉ. श्री नंदन ने बताया कि शुक्रवार को एक बार फिर से जिले में कुल 86 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं जिसमें 55 पुरुष और 31 महिलाएं हैं।




जिले के विभिन्न आइसोलेशन सेंटर में 63 एवं होम आइसोलेशन में शनिवार तक कुल 1259 मरीज भर्ती हुए। उन्होंने बताया कि जिले में शनिवार तक कोरोना जांच के लिए कुल 451157 लोगों का सैम्पल लिया गया है। जिसमें से अभी कुल 9112 व्यक्ति संक्रमित पाए गये है वही 7770 व्यक्ति संक्रमण से लड़कर ठीक भी हुए है । जिले संक्रमण का पोसिटिवटी रेट 2.0 एवं 14.5 % एक्टिव केस है वही जिले की रिकवरी रेट 85.3 हुई है तथा कुल 23 व्यक्तिओ मुर्त्यु संक्रमण से हुई है

घरों को हवादार रखने की करें कोशिश:


सिविल सर्जन डॉ. श्री नंदन ने बताया कि घरों के अंदर की हवा को बाहर निकालने एवं बाहर की ताजा हवा को अंदर आने देने से वायरस से संक्रमण की सम्भावना कम जाती है. घर जितना हवादार होगा, संक्रमण प्रसारण का खतरा उतना कम होगा. यदि घर में कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति हो तो उनके कमरे की खिड़कियाँ खुली रखें एवं पंखे को ऐसे मोड़े जिससे संक्रमित व्यक्ति से हवा घर के अन्य लोगों की तरफ़ सीधे की ओर न बह सके. यदि घर में खिड़की या वायु संचार के अन्य तरीकों के आभाव में कमरों के अंदर वायरस की संख्या बढ़ जाती है, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा भी बढ़ जाता है. एडवाइजरी में सलाह दी गयी है कि जिन घरों में वायु संचालन के उचित उपाय न हों, वहां ग्राम पंचायतों द्वारा जाली/ झरोखे के साथ निकास पंखा लगाया जाना चाहिए.






कार्यस्थानों में वायु-संचालन सुनिश्चित करना जरुरी:
सिविल सर्जन डॉ. श्री नंदन ने बताया कि कार्यस्थानों में एसी चलाते समय ध्यान रखने की सलाह दी गयी है. यह कहा गया है कि जब एसी चल रहा हो तब भी बाहर की हवा अंदर लाने और वायरस के कणों को कम करने के लिए खिड़कियों और दरवाजे को आधा खुला रखना जरुरी है. साथ ही अंदर की हवा को अधिक मात्रा में बाहर करने के लिए एग्जास्ट फैन लगाने की भी सलाह दी गयी है. कार्यालयों, सभागारों एवं शौपिंग मॉल आदि जगहों जहाँ बाहर से हवा अंदर लाने के माध्यम सीमित होते हैं, वहां की छतों पर केन्द्रीय फ़िल्टर लगाने की बात कही गयी है.






सार्वजनिक परिवहन वाहनों में हवा के प्रवाह बनाएं रखने की सलाह:
सिविल सर्जन डॉ. श्री नंदन ने बताया कि सार्वजनिक परिवहन वाहनों में हवा के प्रवाह को बनाए रखने की सलाह दी गयी है. यह कहा गया है कि जहाँ तक संभव हो वाहनों की खिड़कियों को खुली रखें. वहीं, वातानुकूलित बसों और ट्रेनों में हवा के प्रवाह को सुधारने के लिए निकास पंखा( एक्जास्ट फैन) लगाने की सलाह दी गयी है. साथ ही उचित वायु संचार और दिशात्मक वायु प्रवाह को लोगों की दिशा से विपरित करके संक्रमण के प्रसारण को रोकने की बात कही गयी है.

सामुदायिक स्तर पर कोरना जाँच को बढ़ावा:
सिविल सर्जन डॉ. श्री नंदन ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर अब धीरे-धीरे शहर के साथ गाँवों में भी पहुंचने लगी है. इसको ध्यान में रखते हुए एडवाइजरी में सामुदायिक स्तर पर कोरोना की जाँच को बढ़ावा देने की बात कही गयी है. क्षेत्र में प्रवेश कर रहे लोगों की रैपिड एंटीजन टेस्ट किट से कोरोना की जाँच करने को अनिवार्य कहा गया है. क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं जैसे आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को रैपिड एंटीजन टेस्ट करने के लिए प्रशिक्षित करने की सलाह दी गयी है. साथ ही आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को संक्रमित व्यक्तियों पर निगरानी रखने के लिए सभी को ऑक्सीमीटर प्रदान करने की भी बात कही गयी है. इसके लिए जाँच या निगरानी में जुटे सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को एक प्रमाणित एन95 मास्क देने की सलाह दी गयी है.

ऐसे रोकें संक्रमण का प्रसार:
• एक साथ 2 मास्क का प्रयोग करें
• आंतरिक स्थानों पर वायु संचार सुनिश्चित करें
• दूरी बनायें रखने की संभव प्रयास करें
• साबुन से नियमित हाथ साफ़ करते रहें
• कोविड मरीजों को अलग कमरे में रखें
• सतहों को नियमित रूप से कीटाणुनाशकों से नियमित रूप से साफ़ करें






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