क्या भारतीय क्रिकेट कप्तान विराट कोहली देश में जुआ संस्कृति को दे रहे है बढ़ावा ?

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राजेश दुबे

20 रुपए से 1600 कमाने के चक्कर में युवा पीढ़ी हो रही है गुमराह ।

Mpl गेम ऐप सहित दर्जनों ऑनलाइन खेल कंपनियों के आने से बुद्धिजीवी वर्ग चिंतित


देश में महामारी के दौरान लोग घरों में है और समय व्यतीत करने के लिए अनेकों तरीके आजमा रहे हैं ।इसी बीच आप ने देखा होगा टीवी पर हर दूसरे तीसरे मिनट पर एक विज्ञापन आता है mpl खेलो और लाखो कमाओ ।इस मोबाइल गेम का प्रचार करते है देश के मशहूर क्रिकेट खिलाड़ी और भारतीय कप्तान विराट कोहली ।

विज्ञापन में कई युवकों को भी दिखाया जाता है लोगो को आकर्षित करने के लिए  जो कहते है मैने दस दिन इस गेम को खेला और 4 लाख रुपए जीते कोई कहता है मैंने 50 हजार रुपया जीता है ।आखिर कोई कंपनी ऐसे ही तो आप को घंटो में लाखो रुपए नहीं देगी  । हमने जब इसकी पड़ताल की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए ।दरअसल इस मोबाइल ऐप में दो दर्जन से अधिक खेल सामिल किए गए है और किसी भी खेल को खेलने के लिए आप को निर्धारित रकम का भुगतान करना पड़ता है उसके बाद आप खेल में शामिल होते है । हालाकि खेल में जीतेने के बाद जो राशि दी जाती है उसपर टैक्स काटा जाता है ।

लेकिन सवाल उठता है कि देश के कई राज्यो में जहा लॉटरी सहित कैसिनो आदि खेल प्रतिबंधित है और पकड़े जाने पर सजा का प्रावधान है तो क्या MPL जैसे गेम ऐप बिहार जैसे राज्यो में खेल करवा कर कानून का उलंघन नहीं कर रही है ?


गेम को लेकर विवाद भी गहराने लगा है ?


मालूम हो कि सोशल मीडिया पर कई यूजर ने गेम ऐप पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए लिखा है कि यह सिर्फ लूटने का काम कर रही है । रश्मि मेश्रम लिखती है यह गेम जालसाजी का अड्डा है और कुछ नहीं वहीं देव ठाकुर कहते है की पैसे देखते देखते गायब हो जाते है ।जानकारों की माने तो इस ऐप के जरिए हर दिन करोड़ों रुपए का वारा न्यारा कंपनी के जरिए किया जा रहा है ।पड़ताल में कई युवाओं ने बताया कि इस गेम ऐप के जरिए युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है । मोटी रकम कमाने के चक्कर में पॉकेट मनी तक से हाथ धो रहे है  ।

मालूम हो कि पब जी ऑनलाइन खेल की वजह से देश में मौत का भी मामला पूर्व में सामने आया है जो अखबारों की सुर्खियां बन चुकी है । अब mpl और Hago जैसे गेम ऐप सामने आए है जो युवाओं को लखपति बनाने का सपना दिखा रहे है और जिसका प्रचार प्रसार  युवाओं के आदर्श कर रहे है जिससे बुद्धिजीवी वर्ग की चिंता बढ़ गई है । केंद्र सहित राज्य सरकारों को ऐसे मामलों को गंभीरता पूर्वक देखना चाहिए कि कहीं ये कंपनियां युवाओं को सब्जबाग दिखा कर जालसाजी तो नहीं कर रही है ।

क्या भारतीय क्रिकेट कप्तान विराट कोहली देश में जुआ संस्कृति को दे रहे है बढ़ावा ?