श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह के दूसरे दिन संयमित जीवन जीने का दिया गया उपदेश

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अररिया /बिपुल विश्वास

परम पूज्य स्वामी परमहंस जी महाराज के अनुनाई बाल संत स्वामी हरिदास महाराज जी ने श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह के दूसरे दिन ब्यास पीठ से संयमित जीवन की ज्ञान भरी जानकारी देते हुए संयम के साथ जीवन जीने का उपदेश श्रीमद भागवत की कथा के जरिए दिया।उन्होंने प्रेत योनि पाए धुंधकारी के उद्धार की कथा का दृष्टांत दिया।संत के सिद्धिदायक फल देने से लेकर उसे बहकावे में आकर गाय माता को खिलाने और गोकर्ण जी के जन्म होने और उनके माध्यम से धुंधकारी का उत्थान होने की बात बताई।


संत हरिदास जी इससे पूर्व शुकदेव जी के अमर कथा सुनने और उनके 12 वर्ष तक मां के गर्भ में रहकर इस सृष्टि में आने की कथा भी सुनाई।जन्म लेने के साथ ही शुकदेव जी के तुरंत वन गमन करने की जानकारी भी कथा व्यास गद्दी से सुनाई।उन्होंने भागवत कथा के ध्यान से सुनने मात्र से जीवन का कल्याण होने की जानकारी दी।प्रेम का दूसरा नाम राधा बताया और कहा कि जहां प्रेम होगा वहां भगवान खुद चले आते हैं।जन्म मरण के चक्कर से छूटने की विधि पर भी उन्होंने सारगर्भित व्याख्यान दिया।यमराज के दूत भी हरि नाम का संकीर्तन करने वालों को छू भी नहीं पाते और उन्हें लेने के लिए धर्मराज के दूत आने की जानकारी दी।


सीता देवी जयप्रकाश अग्रवाल और उषा देवी हेमू बोथरा द्वारा स्वर्गीय तपेश्वर गुप्ता के हटखोला परिसर में आयोजित इस श्रीमद् भागवत के दूसरे दिन श्रद्धालु नर नारियों की भीड़ उमड़ पड़ी है।कई धार्मिक झाकियों का भी मंचन इस अवसर पर किया गया।

श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह के दूसरे दिन संयमित जीवन जीने का दिया गया उपदेश