देश : जिन्होंने हमें मुस्कुराना सिखाया आइए हम उनके जीवन में खुशियां बिखेरे

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संचयिता दास

बुढ़ापा ” एक ऐसा समय हैं जो हर किसी के जीवन में आता है , परन्तु जिसके बारे में कोई भी बात नहीं करना चाहता है। हम आप सबके घर में कोई न कोई बुजुर्ग व्यक्ति जरुर होंगे। किसी के माता -पिता , दादा,दादी, ताऊ या चाचा । हमारे देश में हमेशा बड़े बूढ़ो का सम्मान किया गया है। इस देश में संयुक्त परिवार की परंपरा रही है। परन्तु समय के साथ – साथ सामाजिक जीवन में आये बदलाव ने हमारे पारिवारिक जीवन को भी काफी हद तक बदल दिया है।

परिवार छोटे होते गए है एवं बुजुर्ग अकेले …  कभी बच्चे नौकरी की तलाश में दूर चले गए है तो कभी पढाई कहीं पारिवारिक विवाद भी इस दूरी का कारण बनीं है। यह तो रही दूर रहने की बात लेकिन आज के इस व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम के दौर में साथ रह कर भी वह अकेले ही है।  उनकी परेशानियाँ कभी बहुत ही छोटी है तो कभी बड़ी । लेकिन उन समस्याओं को सुनने के लिए उनके पास वक़्त नहीं ,जिनके लिए उन्होंने अपनी ज़िन्दगी गुज़ार दी।

यह सिर्फ हमारे देश की समस्या नहीं है यह आज पुरे विश्व की समस्या बन गयी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक २०२६ तक हमारे देश में सीनियर सिटिज़न्स की संख्या अनुमानित १७३ मिलियन हो जाएगी।

आप सोच रहे होंगे इस से हमे क्या लेना देना है??

इसे समझने के लिए आपको यह समझना होगा की बुजुर्गों की क्या क्या समस्याएं हैं सिर्फ शारीरिक समस्या नहीं , सामाजिक,एवं  मानसिक समस्याएं भी इसमें शामिल है।  देश के एक बड़े हिस्से को आप समस्यायों में घिरा नहीं छोड़ सकते है, तो अब सवाल यह है कि आप क्या कर सकते हैं ?? सबसे पहले जागरूक बनिए  और यह याद रखिए कि जो आज जवान है वही कल बुजुर्ग बनेंगे। 

समाज में अपने बुजुर्गो को सम्मान दे उन्हें पिछड़ा हुआ ना समझे। शुरुआत आप आपने घर से ही कर सकते है। उनके साथ समय बिताइए उनकी समस्याओं को समझने कि कोशिश कीजिये हो सकता है कि आपके बुढापे में उनकी आज कि दी हुई सिख काम आ जाए। अगर आप दूसरे शहर या देश में रहते है तो कम से कम दिन में एक बार उन्हें स्वयं कॉल करे या परिवार के किसी सदस्य को यह जिम्मेदारी दें।

 एक बड़ा सवाल यह है के जिस देश में खुद के स्वास्थ के प्रति जागरूकता लाने के लिए  भी कानून की आवश्यकता होती है ,वहां सरकार बुजुर्गो के लिए क्या कोई कानून नहीं बना रही हैं ।

जिससे उनके हितों की रक्षा हो सके?

अच्छी खबर यह है की सरकार उनके लिए बहुत सी योजनाएँ एवं कानून के साथ उनके हितों की रक्षा के लिए सदैव तत्पर है। आप को बस उनके बारे में सटीक जानकारी की आवश्यकता है |सरकारी वेबसाइटों पर आपको अलग-अलग स्कीम्स और योजनाओं के बारे में पता चल सकता है।

इनमे से एक महत्वपूर्ण वेबसाइट हैं https://www.oldagesolutions.org। जिसका निर्माण वयोवृद्ध व्यक्ति संबंधी राष्ट्रीय नीति (एन पी ओ पी) को विज्ञान और सोसाइटी प्रभाग द्वारा की गई पहल के आधार पर वयोवृद्धों के लिए तकनालॉजी अंतःक्षेप (टी आई ई) के एक हिस्से के रुप में किया गया है।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) ने मिलकर इस वेबसाइट का निर्माण किया है। इसका उद्देश्य  सीनियर सिटीजन्स को आत्मनिर्भर बनाना है। इस वेबसाइट में आपको स्वास्थ से लेकर क़ानूनी सलाह भी प्राप्त हो सकती है। यह अभी हिंदी एवं अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध हैं। खान पान में उम्र के  साथ क्या बदलाव ला सकते है या अपने खाली समय को किस प्रकार सकारात्मक रूप से व्यतीत कर सकते है।

आप अपने पैसे को कहाँ सुरक्षित रख सकते है या अपनी वसीयत बनाना चाहे तो आपको क्या करना होगा । वृद्धावस्था में जीवन को और सरल रूप से कैसे  जिया जाए ?अगर आपको किसी की मदद चाहिए तो कहा प्राप्त करेंगे ? इन सभी सवालों के उत्तर आप इस वेबसाइट से प्राप्त कर सकते है। इस वेबसाइट के जरिये आप अपनी समस्याओं पर एक्सपर्ट पैनेल से परामर्श ले सकते है।आइये मिलकर उनके जीवन की मुस्कराहट को बरक़रार रखने में एक कदम बढ़ाए जिन्होंने हमे मुस्कुराना सिखाया।

देश : जिन्होंने हमें मुस्कुराना सिखाया आइए हम उनके जीवन में खुशियां बिखेरे