दिसंबर से अप्रैल के मध्य में बाढ़ प्रभावित इलाकों में करवाया जाए कटाव निरोधी कार्य -डॉ जायसवाल
किशनगंज /प्रतिनिधि
विधान पार्षद सह सचेतक डॉ दिलीप कुमार जायसवाल ने पंचायती राज जनप्रतिनिधियों के अधिकारियों में कटौती को लेकर सरकार पर जोरदार निशाना साधते हुए सड़क से सदन तक आंदोलन की चेतावनी दी है ।
श्री जायसवाल ने कहा की पंचायती राज विभाग लगातार वार्ड मेंबर,मुखिया ,जिला परिषद सदस्यों को प्रताड़ित करने का कार्य कर रही है ।उन्होंने कहा की सात निश्चय योजना के तहत पूर्व में वार्ड प्रबंधन क्रियान्वयन समिति के खाते में फंड आता था और वार्ड मेंबर काम करवाते थे लेकिन आज सरकार खुद ठेकेदार बन गई है। उन्होने कहा की ठेकेदार और सरकार की साठ गांठ के कारण व्यवस्था तार तार हो चुकी है ।
उन्होंने कहा की पंचायती राज चुनाव को करीब दो साल हो चुके है और पंचायती राज के जनप्रतिनिधि जनता के सामने मुंह दिखाने के लायक नही रह गए है ।किसी भी समस्या का समाधान जनप्रतिनिधि नहीं निकाल पा रहे हैं। उन्होंने कहा की सरकार को तुरंत वार्ड प्रबंधन क्रियान्वयन समिति को अधिकार देना चाहिए क्योंकि बीते दो साल से पंचायती राज के जनप्रतिनिधि आंदोलन कर रहे हैं,सरकार बार बार आश्वासन देती है की अच्छा फैसला लेने जा रहे हैं लेकिन वार्ड मेंबर और तमाम जनप्रतिनिधि ठगी के शिकार हो रहे हैं ।
डॉ जायसवाल ने कहा की बिहार सरकार को पंचायती राज जनप्रतिनिधियों का अधिकार छीनने का कोई हक नही है अगर केंद्र सरकार है ,बिहार सरकार है तो पंचायती राज भी सरकार है और उन्हें पूरा अधिकार दिया जाना चाहिए।उन्होंने कहा की सरकार यदि जनप्रतिनिधियों को उनका अधिकार नहीं देती तो सड़क से लेकर सदन तक यहां आंदोलन चलेगा ।
उन्होंने कहा कि पंचायती राज जनप्रतिनिधियों का आंदोलन किसी राजनीतिक दल का आंदोलन नहीं है बल्कि यह उनके अधिकार का आंदोलन है इस बात को सरकार को समझना चाहिए।
वही उन्होंने कटाव और बाढ़ की समस्या को लेकर भी सरकार पर तंज कसते हुए कहा की सीमांचल का इलाका बाढ़ और कटाव प्रभावित है जब बरसात आता है तब साजिश के तहत इस इलाके में कार्य करवाया जाता है और यह सिलसिला पिछले दस सालो से चल रहा है ।जबकि उनकी मांग है की किशनगंज पूर्णिया ,अररिया जो की सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित इलाका है जिससे हर साल अरबों रुपए का नुकसान होता है में कार्य करवाया जाना चाहिए ताकि नुकसान को रोका जा सके। उन्होंने कहा की सरकार अगर बाढ़ निरोधक कार्य करवाने के प्रति गंभीर है तो यह कार्य दिसंबर से अप्रैल के मध्य में करवाया जाना चाहिए ताकि राशि के बंदर बांट को रोका जा सके ।