किशनगंज /सागर चन्द्रा
प्रसव उपरांत नवजात की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया। हालांकि मौके पर उपस्थित सुरक्षाकर्मियों ने स्थानीय लोगों की मदद से स्थिति के हिंसक रूप अख्तियार करने से पूर्व ही मामले को सुलझा लिया। जानकारी के अनुसार रूईधासा निवासी हीना प्रवीण पति फजरूल हक को परिजनों ने प्रसव पीड़ा के उपरांत शुक्रवार अल सुबह सदर अस्पताल में भर्ती कराया।
जहां कुछ ही देर बाद उसने बेटे को जन्म दिया। प्रथम संतान के आगमन की खुशी में परिवार वाले झूम उठे। लेकिन कुछ ही देर बाद नवजात की तबीयत बिगड़ गई। सदर अस्पताल में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं रहने के कारण बच्चे को एसएनसीयू में भर्ती कराया। लेकिन तबतक नवजात की मौत हो गई थी। घटना के बाद परिजन इलाज में लापरवाही बरते जाने का आरोप लगाकर हंगामा करने लगे।
मौके पर पहुंचे अस्पताल उपाधीक्षक डा.अनवर ने कागजातों की जांच की और परिजनों के आरोप को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि बच्चे का जन्म 37 वें सप्ताह में हो गया था। मां की पेट में ही गंदा खा लेने के कारण उसकी तबीयत बिगड़ गई थी। अस्पताल कर्मियों ने बच्चे को बचाने का भरपूर प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो सके।
उन्होंने कहा कि अब तक प्रसुता के परिजनों के द्वारा मामले की लिखित शिकायत नहीं की गई है। शिकायत किये जाने पर जांचोपरांत कार्रवाई की जाऐगी। हालांकि उन्होंने अस्पताल में शिशु रोग विशेषज्ञ की कमी की बात को स्वीकार करते हुए जल्द चिकित्सक की कमी दूर करने का भरोसा दिया।