देश/डेस्क
स्वतंत्रता दिवस के पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने देशवासियों को संबोधित किया साथ ही सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी है इस मौके पर श्री गोविंद ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि “अपने सामर्थ्य में विश्वास के बल पर, हमने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अन्य देशों की ओर भी मदद का हाथ बढ़ाया है।
अन्य देशों के अनुरोध पर, दवाओं की आपूर्ति करके, हमने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि भारत संकट की घड़ी में, विश्व समुदाय के साथ खड़ा रहता है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अस्थायी सदस्यता के लिए, हाल ही में सम्पन्न चुनावों में मिला भारी समर्थन, भारत के प्रति व्यापक अंतर्राष्ट्रीय सद्भावना का प्रमाण है साथ ही आज जब विश्व समुदाय के समक्ष आई सबसे बड़ी चुनौती से एकजुट होकर संघर्ष करने की आवश्यकता है, तब हमारे पड़ोसी ने अपनी विस्तारवादी गतिविधियों को चालाकी से अंजाम देने का दुस्साहस किया।
श्री कोविंद ने कोरोना काल में केंद्र सरकार द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की वहीं उन्होंने गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों को याद करते हुए कहा कि सीमाओं की रक्षा करते हुए, हमारे बहादुर जवानों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए।भारत माता के वे सपूत, राष्ट्र गौरव के लिए ही जिए और उसी के लिए मर मिटे। पूरा देश गलवान घाटी के बलिदानियों को नमन करता है।हर भारतवासी के हृदय में उनके परिवार के सदस्यों के प्रति कृतज्ञता का भाव है।साथ ही कहा कि उनके शौर्य ने यह दिखा दिया है कि यद्यपि हमारी आस्था शांति में है, फिर भी यदि कोई अशांति उत्पन्न करने की कोशिश करेगा तो उसे माकूल जवाब दिया जाएगा।
हमें अपने सशस्त्र बलों, पुलिस तथा अर्धसैनिक बलों पर गर्व है जो सीमाओं की रक्षा करते हैं, और हमारी आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। राष्ट्रपति श्री कोविंद ने कोरोना वारियर्स द्वारा किए गए कार्यों की सराहना भी की और कहा ये हमारे राष्ट्र के आदर्श सेवा-योद्धा हैं। इन कोरोना-योद्धाओं की जितनी भी सराहना की जाए, वह कम है।
ये सभी योद्धा अपने कर्तव्य की सीमाओं से ऊपर उठकर, लोगों की जान बचाते हैं और आवश्यक सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करते हैं।
श्री कोविंद ने चुनौती पूर्ण समय में रेलवे द्वारा किए गए कार्यों की सराहना के साथ साथ वन्दे भारत मिशन के तहत विदेशो से यात्रियों को लाए जाने की भी सराहना की है साथ ही उन्होंने अंफान तूफान के दौरान हुए क्षति पर भी चिंता करते हुए कहा किइसी दौरान, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में आए ‘अम्फान’ चक्रवात ने भारी नुकसान पहुंचाया, जिससे हमारी चुनौतियां और बढ़ गयीं।
इस आपदा के दौरान, जान-माल की क्षति को कम करने में आपदा प्रबंधन दलों, केंद्र और राज्यों की एजेंसियों तथा सजग नागरिकों के एकजुट प्रयासों से काफी मदद मिली।