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जातीय जनगणना के विरुद्ध दायर याचिका को हाई कोर्ट ने किया खारिज,कोर्ट से मिली हरी झंडी 

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पटना /प्रतिनिधि 

पटना उच्च न्यायालय ने जातीय सर्वेक्षण मामले पर बड़ा फैसला सुनाया है। चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने जातीय जनगणना के विरुद्ध दायर याचिका को ख़ारिज कर दिया और सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है। 

मालूम हो कि पटना हाईकोर्ट में 4 मई 2023 को जाति आधारित गणना के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई हुई थी। इस दौरान अदालत ने राज्य में जाति आधारित गणना पर रोक लगा दिया था।गौरतलब हो की राज्य में ये गणना 7 जनवरी 2023 से शुरू हुई थी। जाति आधारित गणना का पहला चरण 7 जनवरी से 21 जनवरी तक चला था। इसके बाद एक अप्रैल 2023 से जाति आधारित गणना का दूसरा चरण शुरू हुआ था।

पहले चरण में बिहार में मकानों की गिनती की गई थी जबकि दूसरे चरण में जाति और आर्थिक जानकारी एकत्रित किया जा रहा था और तभी इस पर कोर्ट ने रोक लगा दिया था।बता दे कि जाति आधारित गणना के खिलाफ याचिकाकर्ता ने दायर याचिका में इसे असंवैधानिक बताया था। याचिकाकर्ता के मुताबिक इस तरह की गणना का नियम केंद्र सरकार के जिम्मे है। राज्य सरकारें ऐसी गिनती नहीं करा सकती।

साथ ही याचिकाकर्ता ने इसमें निजता के हनन का भी सवाल उठाया था ।वही याचिका पर सुनवाई के दौरान बिहार में जातीय जनगणना पर रोक लगा दी गई थी।जिसके बाद अब हाईकोर्ट के फैसले ने इस याचिका को ही ख़ारिज कर दिया है और नीतीश सरकार के पक्ष में फैसला सुना दिया है।इस तरह नीतीश सरकार को हाई कोर्ट ने बड़ी राहत प्रदान की है। 

जातीय जनगणना के विरुद्ध दायर याचिका को हाई कोर्ट ने किया खारिज,कोर्ट से मिली हरी झंडी 

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