टीबी मुक्त अभियान के अंतर्गत एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम सह समीक्षा बैठक का आयोजन

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टीबी को जड़ से खत्म करने के लिये चिह्नित पंचायतों में संचालित होगा विशेष अभियान


-चिह्नित पंचायत में दो से कम टीबी मरीज मिलने पर टीबी मुक्त पंचायत का मिलेगा दर्जा


किशनगंज /प्रतिनिधि


टीबी मुक्त अभियान में निक्षय मित्र की भूमिका काफ़ी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। हालांकि इसके लिए स्थानीय स्तर से लेकर राज्य एवं देश स्तर पर लगातार कार्य किया जा रहा है। देश को 2025 तक टीबी मुक्त बनाने को लक्ष्य निर्धारित है। निर्धारित लक्ष्य प्राप्ति के उद्देश्य से अब टीबी मुक्त पंचायत अभियान की शुरुआत की गई है। गौरतलब है कि टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान की सफलता को लेकर पंचायती राज मंत्रालय व स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में पूरे देश में विशेष अभियान संचालित किया जा रहा है।इसी क्रम में जिले के सदर अस्पताल में गुरुवार को टीबी मुक्त अभियान के उन्मुखीकरण कार्यक्रम सह समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया है | जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया कि जनवरी 2023 से मई तक टीबी मरीज़ों की पहचान हुई है। इन सभी मरीज़ों को जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों द्वारा निःशुल्क दवा दी जा रही है। जिला टीबी सेंटर में टीबी के मरीज़ों की कार्ट्रिज आधारित न्यूक्लिक एसिड प्रवर्धन परीक्षण (CB-NAAT) एवं त्रुनेट के द्वारा जांच की जाती है।

निक्षय पोषण योजना के तहत मिलने वाली राशि के त्वरित भुगतान को निर्देश:


सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर समीक्षा बैठक के दौरान टीबी मरीजों के उपचार, इलाज और मिलने वाली अन्य सुविधाओं से संबंधित चर्चा की गयी। वहीं टीबी रोगियों को निक्षय पोषण योजना के तहत मिलने वाली राशि को त्वरित भुगतान को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया। टीबी रोगियों को नियमित रूप से दवाओं का सेवन करना चाहिए, सेहत में सुधार के लक्षण दिखते ही इलाज बंद नहीं करना चाहिए, बल्कि पूरा इलाज करवाना चाहिए |

प्रति एक हजार आबादी पर संभावित 50 लोगों की होगी जांच –

जिला संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने अभियान की जानकारी देते हुए बताया कि अभियान के तहत पूर्व में टीबी से गंभीर रूप से प्रभावित पंचायतों को चिह्नित किया जायेगा। चिह्नित पंचायतों में प्रति एक हजार आबादी पर संभावित 50 रोगियों की जांच की जायेगी। इस क्रम में अगर टीबी के दो से कम मरीज मिलते हैं।एवं उक्त पंचायत के 80 फीसदी राजस्व ग्राम में सामान्य स्थिति पाये जाने पर संबंधित पंचायत के मुखिया जिलाधिकारी को लिखित रूप से पंचायत को टीबी मुक्त घोषित करने का आग्रह करेंगे। जिला यक्ष्मा कार्यालय द्वारा जांच में उक्त तथ्यों के सही पाये जाने पर उक्त पंचायत टीबी मुक्त माना जायेगा। इसके लिये चिह्नित पंचायतों में वार्ड वार विभिन्न कार्यक्रम किये जायेंगे।

वार्डवार होंगे जागरूकता संबंधी कार्यक्रम –


जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया कि टीबी मुक्त पंचायत अभियान के क्रम में चिह्नित पंचायतों में सक्रिय टीबी खोज अभियान, स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन, विद्यालय स्तर पर चित्रकला, वाद विवाद, निबंध, रंगोली सहित अन्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा। आम लोगों को टीबी उन्मूलन अभियान में अपेक्षित सहयोग की शपथ दिलाई जायेगी। प्रत्येक ग्राम पंचायत में टीबी से मुक्ति के लिए जनभागीदारी बढ़ाते हुए जागरुकता कार्यक्रम चलाए जाने हैं। वैसे जनभागीदारी के जरिए पहले ही एक निक्षय कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसमें कोई भी व्यक्ति या संस्थान टीबी रोगियों के इलाज और खानपान की जिम्मेदारी ले सकता है। जिले सभी एक्टिव मरीजों की देखभाल निक्षय के जरिए हो रहा है।

पंचायत स्तर पर होगी विशेष टीम गठित –


टीबी मुक्त पंचायत अभियान की सफलता के लिये जिले के चिह्नित पंचायतों में विशेष टीम गठित की जायेगी। इसमें स्थानीय मुखिया, सरपंच, पंचायत सचिव, टोला सेवक, जीविका दीदी, चिकित्सा अधिकारी, सीएचओ, एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षक, टीबी चैंपियन शामिल होंगे।


अभियान का मुख्य उद्देश्य-


सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि आम जन को रोग के प्रति जागरूक करते हुए टीबी रोग के प्रति समुदाय स्तर पर व्याप्त भ्रांतियों को दूर करना, मरीजों के साथ भेदभाव को कम करना व रोगियों को समय पर जांच व इलाज के लिये प्रेरित करना अभियान का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि टीबी मुक्त भारत अभियान की सफलता में हर स्तर पर जन भागीदारी जरूरी है। इसलिये रोग से जुड़े किसी तरह का लक्षण दिखने पर तुरंत जांच व इलाज के लिये उन्होंने प्रेरित किया ।

टीबी मुक्त अभियान के अंतर्गत एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम सह समीक्षा बैठक का आयोजन