पच्चीस से पचास हजार रुपये की वसूली करते दिखें मापतौल के अधिकारी तो जूता से आपलोग पिटिएगा- कृषि मंत्री

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कैमूर/भभुआ(ब्रजेश दुबे):

जिले के भगवानपुर प्रखंड में आयोजित किसान गोष्ठी में एक बार फिर कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने अपने ही सरकार के खिलाफ बयान दिया है। सुधाकर सिंह ने जहां एक तरफ अपने विभाग के अधिकारियों को चोर कहा. वहीं दूसरी तरफ कहा कि मेरे विभाग के अधिकारी खासकर मापतौल वाले 25 से 50 हजार रुपये लाइसेंस देने के नाम पर वसूलते हैं।

यदि वसूली करते दिख जाये तो ऐसे लोगों को जूता से पीटिएगा। ऐसे अधिकारियों के ऊपर बहुत जल्द कार्रवाई की जानेवाली है। कृषि मंत्री ने कहा कि जब हम किसानों की समस्या को अपने से जोड़ कर बोलते हैं तो पटना व दिल्ली में सत्ता में बैठे लोगों की कुर्सी हिलने लगती है। ऐसे लोगों की बेचैनी बढ़ जाती है। मुझ पर इस्तीफा देने का दबाव बनाया जाना लगता है। जबकि हम कहते हैं कि अगर आपको लगता है कि मैं इस्तीफा नहीं दे रहा हूं। अगर मुझे सत्ता का लोभ हो गया है। तो आप अपने कलम से मुझे बर्खास्त कर दीजिए. सुधाकर सिंह ने कहा कि खाद की समस्या तत्पर पर हूं और इस समस्या पर काम कर रहा हूं। लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर आपलोग चाहते हैं कि वसूली करनेवाले अधिकारी या अधिक पैसा लेनेवाले दुकानदारों पर कार्रवाई हो तो इसके लिए आपलोगों को वैसे लोगों के खिलाफ आगे आकर गवाही देनी होगी। जिसके बाद मैं आपसे वादा करता हूं वैसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।


नक्सल प्रभावित अधौरा प्रखंड में बनेगी चार मंडिया


कृषि मंत्री ने मंच से घोषणा किया कि नक्सल प्रभावित प्रखंड अधौरा में चार मंडी बनेंगी। एक मंडी पहाड़ के नीचे मकड़ी खोह में बनेगी। यहां केवल सब्जी की मंडी लगेगी। सब्जी का उत्पादन करने वाले किसान मंडी में सब्जी लेकर आयेंगे और व्यवसायी छोटी बड़ी गाड़ियों से सभी को खरीद कर बिक्री के लिए बाहर ले जायेंगे। दूसरा मंडी अधौरा मार्केट में बनेगा और तीसरा मंडी अधौरा प्रखंड के सबसे ऊपरी भाग भाग में बनेगा। किसानों के हित कई योजनाएं लेकर मैं आ रहा हूं। कृषि से जुड़े लोगों को रोजगार मिलेगा।


पूरे बिहार में तीन हजार खाद दुकानों पर लगवाया ताला


कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि मंत्री के तौर पर एक महीने काम करते हुआ. इस एक महीने में पूरे बिहार भर में तीन हजार खाद की दुकानों में ताला लगवाया है। उन दुकानों से फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया था। मेरे कार्यकाल में किसी भी उर्वरक की दुकान पर लाइन नहीं लगी। मैं एक एप लाने जा रहा हूं उस ऐप से पता चल जाएगा कि आपके जिले और प्रखंड में उर्वरक की दुकानों में कितनी मात्रा में उर्वरक उपलब्ध है। तीन साल के भीतर किसानों से जुड़ी बुनियादी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।

पच्चीस से पचास हजार रुपये की वसूली करते दिखें मापतौल के अधिकारी तो जूता से आपलोग पिटिएगा- कृषि मंत्री