किशनगंज /विजय कुमार साह
टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र के नदियों के जलस्तर में कमी के बाद नदी द्वारा कटाव की रफ्तार तेज हो गई है ।कटाव की रफ्तार तेज होने से रामपुर पुल एवं प्रधानमंत्री सड़क का अस्तित्व कभी भी नदी के गर्भ में समा सकता है । रामपुर पुल क्षेत्र वासियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह आमजनों के लिए प्रखंड मुख्यालय ,पूर्णिया ,अररिया,किशनगंज ,पटना एवं अन्य जगहों पर आवागमन हेतु मुख्य मार्ग है ,यदि यह कट जाती है तो, लाखों की आबादी के आवागमन पर बूरा प्रभाव पड़ेगा। लोगों के आवश्यक कार्य ठप पड़ जाएंगे ।
यह पुल प्रखंड वासियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मार्ग है । पुल के बनने से पहले जिस स्थिति और समस्याओं को लोग झेल रहे थे, एक बार फिर से उसी भयानक स्थिति का सामना करना पड़ सकता है । इसी मार्ग द्वारा प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर सभी आवश्यक वस्तुओं को पहुंचाया जाता है । आधारभूत सुविधाओं भोजन के लिए खाद्य सामग्री ,स्वास्थ्य से संबंधित औषधियां,शिक्षा आदि महत्वपूर्ण आयामों से लोगों को वंचित होना पड़ सकता हैं ।
इससे प्रखंड के विकास कार्य भी बाधित होने की संभावना है ,विकास कार्य बाधित होने से क्षेत्र के विकास में समस्या उत्पन्न हो सकती हैं ।स्थानीय लोग यह सोच कर चिंतित एवं भयभीत हो रहें है । नदी की कटाव के कारण नदी किनारे बसे लोगों के घर,खेत और बिजली के खंभे नदी के गर्भ में समा रहे हैं,ऐसे में आमजन दोगुनी मार झेलने को मजबुर हो रहे है। लोगों का प्रशासन के प्रति आरोप है कि अभी तक प्रशासन के द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है ।
वहीं फुलवरिया निवासी तारकेश्वर तिवारी ने बताया है कि उनका खेत भी नदी के कटाव की भेंट चढ़ रही है ,साथ ही यह भी बताया है कि बाढ़ की समस्या से निपटने पर चर्चा तो होती है लेकिन जो सार्थक प्रयास बाढ़ से निपटने के लिए होना चाहिए वह उतनी गंभीरता के साथ होती दिखाई नहीं देती हैं । अगर समय पर ही बाढ़ निरोधात्मक कार्य किए जाते तो आज हमें बाढ़ जैसी गंभीर आपदा का सामना करना नहीं पड़ता।