31 जुलाई तक छूटे हुए बच्चे-महिलाओं का होना टीकाकरण
किशनगंज :जिले के कोई भी बच्चे और गर्भवती महिलाएं नियमित टीकाकरण से वंचित न रह जाएं, इसे लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग लगातार अभियान चला रहा है। ऐसे लोगों के टीकाकरण को लेकर अभी हाल ही में मिशन इंद्रधनुष अभियान का तीन चरण चलाया गया। इसमें भागलपुर जिले की सफलता दर 105 प्रतिशत से अधिक रही। एक आकलन के मुताबिक अभी भी बहुत सारे बच्चे और गर्भवती महिलाएं टीकाकरण से वंचित हैं। ऐसे लोगों को टीका लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग फिर से तैयारी कर रहा है। इसी सिलसिले में आशा कार्यकर्ता जल्द ही क्षेत्र में सर्वे का काम करेंगी। इसे लेकर अभी जिले के सभी प्रखंड में एएनएम कार्यकर्ता एवं आशा कार्यकर्ताओं की ट्रेनिंग चल रही है। ट्रेनिंग के बाद 31 जुलाई तक सभी छूटे हुए बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण करना है।
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. देवेन्द्र कुमार ने बताया कि नियमित टीकाकरण से कोई भी छूट न जाए, इसे लेकर हमलोग लगातार काम कर रहे हैं। अभी मिशन इंद्रधनुष अभियान के तहत ऐसे लोगों को टीका दिया गया। अब एक बार फिर से छुटे हुए लोगों का टीकाकरण किया जाना है। सर्वे का काम जल्द ही शुरू होगा। अभी आशा कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग दी जा रही है। ट्रेनिंग पूरी हो जाने के बाद जल्द ही घर-घर जाकर वे लोग सर्वे का काम करेंगी। आशा कार्यकर्ता एक-एक घर जाकर नियमित टीकाकरण से वंचित बच्चों और गर्भवती महिलाओं की सूची बनाएगी। सूची तैयार हो जाने के बाद उसके मुताबिक टीकाकरण किया जाएगा।
सुरक्षित और सामान्य प्रसव को मिलता है बढ़ावाः
किशनगंज ग्रामीण प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ के के काश्यप ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान बताया कि गर्भवती महिलाओं और बच्चों को गंभीर बीमारी से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण जरूरी है। इससे न केवल गंभीर बीमारी से बचाव होता है, बल्कि सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा भी मिलता है। बच्चों का शारीरिक विकास भी बेहतर तरीके से होता है। 12 तरह की बीमारियों से बच्चों का बचाव तो करता ही है। साथ में बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करता है। इससे बच्चे अगर भविष्य में किसी बीमारी की चपेट में आ भी जाता है तो उससे वह जल्द उबर जाता है।
आंगनबाड़ी केंद्रों पर होता है नियमित टीकाकरणः
प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक अजय कुमार साहा ने बताया कि नियमित टीकाकरण का आयोजन जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर होता है। इसके माध्यम से दो वर्ष तक के बच्चों को बीसीजी, ओपीवी, पेंटावेलेंट, रोटा वैक्सीन, आईपीवी, मिजल्स, विटामिन ए, डीपीटी बूस्टर डोज, मिजल्स बूस्टर डोज और बूस्टर ओपीवी के अलावा जेएई (जापानी बुखार) के टीके लगाए जाते हैं। इसके अलावा अभियान में गर्भवती को टेटनेस-डिप्थीरिया (टीडी) का टीका भी लगाया जाता है। नियमित टीकाकरण बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कई गंभीर बीमारी से बचाव करता है। साथ ही प्रसव के दौरान जटिलताओं से सामना करने की भी संभावना नहीं के बराबर रहता है।

